विष्णु के दो विशेष अर्थ बताए गए हैं, विश्व का अणु और जो विश्व के कण-कण में विद्यमान है।
Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810
जबलपुर, नईदुनिया प्रतिनिधि। भगवान विष्णु की महिमा अपरंपार है। श्री विष्णु जगत के पालनकर्ता हैं। विष्णु के दो विशेष अर्थ बताए गए हैं, विश्व का अणु और जो विश्व के कण-कण में विद्यमान है। हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के लिए खास दिन हैं, जिनमें व्रत, उपवास, पूजन, मंत्र और जाप करने का विशेष महत्व होता है।
भगवान विष्णु के मुख्य रूप से 24 अवतार हुए हैं। शास्त्रों में भी इनका उल्लेख है। उनमें जो प्रमुख हैं, मत्स्य, कच्छप, वराह, नृसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण, बुद्ध और कल्कि। वैकुंठ चतुर्दशी, सभी एकादशी, देवशयनी, देव प्रबोधनी, परशुराम जयंती, विष्णु त्रिरात्रि में भगवान विष्णु की पूजा जाती है। भगवान विष्णु के 24वें अवतार के रूप में माना जाता है कि उनका कल्कि अवतार में आना सुनिश्चित है। श्री विष्णु ने मनुष्यों के उद्धार और अधर्मियों के नाश के साथ धर्म की रक्षा के लिए अवतार लिए हैं।
भगवान विष्णु के 24 अवतार
1. आदिपुरुष 2. चार सनतकुमार 3. आदि वराह, नील वराह 4. नारद 5. नर नारायण 6. कपिल 7. दत्तात्रेय 8. याज्ञ 9. ऋषभ 10. पृथु 11. मत्स्य 12. कच्छप 13. धनवंतरी 14. मोहिनी 15. नृसिंह 16. हयग्रीव 17. वामन 18. परशुराम 19. व्यास 20. राम 21. बलराम 22. कृष्ण 23. बुद्ध 24. कल्कि।
मंत्र
1. ओम अं वासुदेवाय नमः।
2. ओम विष्णवे नमः।
3. श्रीकृष्ण गोविंद हरे मुरारे, हे नाथ वासुदेवाय।
4. ओम नमो भगवते वासुदेवाय नमः।
5. ओम नारायणाय विद्महे, वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात।