प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को आएंगे महाकाल की नगरी उज्जैन, इस कार्यक्रम को करेंगे संबोधित

reporter surendra maravi 9691702989

मध्यप्रदेश के उज्जैन जिले में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। जल संरक्षण पर आयोजित सम्मेलन को आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत संबोधित करेंगे। इसका उद्घाटन केंद्रीय जल शक्ति मंत्री करेंगे।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को उज्जैन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित करेंगे। भागवत सम्मेलन में जल की पवित्रता पर भारतीय विमर्श तैयार करने और वैज्ञानिक दृष्टिकोण के साथ जोड़ने पर व्याख्यान देंगे। जल शक्ति मंत्रालय और दीनदयाल अनुसंधान संस्थान सुजलाम नामक सम्मेलन आयोजित कर रहा है। 27 से 29 दिसंबर तक क्षिप्रा नदी के तट पर सुजलाम सम्मेलन आयोजित किया जाएगा। तीन दिवसीय सम्मेलन में जल क्षेत्र द्वारा की जा रही अवधारणात्मक और परिस्थितिजन्य चुनौतियों और भारतीय ज्ञान पद्धति में जल के महत्व पर सत्र आयोजित किए जाएंगे।

इस सम्मेलन का जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत उज्जैन में 27 दिसंबर 2022 को उद्घाटन करेंगे। इस सम्मेलन मे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत 28 दिसंबर को व्याख्यान देंगे, जबकि इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगूभाई पटेल और नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया 29 दिसंबर को समापन समारोह मे धार्मिक नेता, वैज्ञानिक, विचारक, सामाजिक कार्यकर्ता और स्वदेशी सोच के आधार पर समाधान खोजने वाले कई लोग भाग लेंगे। याद रहे कि इस तीन दिवसीय सम्मेलन में जल क्षेत्र द्वारा सामना की जाने वाली वैचारिक और परिस्थितिजन्य चुनौतियों और भारतीय ज्ञान प्रणाली में जल के तत्व पर सत्र को आयोजित किया जाएगा।

बताया जाता है कि इस दौरान कार्यक्रम स्थल, प्रवास स्थल, सड़क और स्टेशन पर पैनी नजर रखी जाएगी। मंच पर कौन-कौन लोग शामिल होंगे, इसकी सूची पहले से बनाई जाएगी। खुफिया विभाग सरसंघचालक के आगमन को लेकर अलर्ट रहेगा। इसे लेकर सुरक्षा एजेंसियों के पदाधिकारी कैंप कर रहे हैं। स्टेशन और बस स्टैंड सहित विभिन्न होटलों, ढाबो और लॉज पर भी नजर रखी जाएगी।

जल की पवित्रता और वैज्ञानिक सोच पर देंगे व्याख्यान…
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत उज्जैन में होने वाले अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में जल की पवित्रता पर एक भारतीय संवाद बनाने और इसे वैज्ञानिक सोच पर व्याख्यान देंगे। इस दौरान वह जल संरक्षण पर भी अपनी बात रखेंगे। जल शक्ति मंत्रालय और दीनदयाल अनुसंधान संस्थान द्वारा सुजलाम नाम से आयोजित इस सम्मेलन में सत्र के दौरान लोक परंपराओं, सामाजिक रीति-रिवाजों और रीति-रिवाजों में पानी के महत्व और पानी से संबंधित त्योहारों का एक सार-संग्रह तैयार करने और उनके वैज्ञानिक विश्लेषण पर भी ध्यान केंद्रित किया जाएगा।

आकाश और वायु विषय पर हो चुके हैं सम्मेलन…
मालूम हो कि उज्जैन में होने वाला यह सम्मेलन सुमंगलम नामक कार्यक्रमों की श्रृंखला का एक हिस्सा है। इस सम्मेलन का उद्देश्य प्रकृति के पांच बुनियादी तत्वों पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु और अंतरिक्ष की शुद्धता को सुरक्षित करने की अनूठी भारतीय अवधारणा को प्रस्तुत करना है। आकाश और वायु पर पहले दो सम्मेलन क्रमश: देहरादून और भुवनेश्वर में आयोजित किए जा चुके हैं। काशी में 8 और 9 जनवरी को कृषि पर केंद्रित पृथ्वी पर सम्मेलन होना है। जबकि अग्नि पर एक कार्यक्रम का आयोजन 28 और 29 जनवरी को बिजली मंत्रालय द्वारा विज्ञान भारती के सहयोग से बेंगलुरु में किया जाएगा।

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