Interview: मैं ज़ू की जानवर नहीं जो आप कैमरा लेकर मेरे पीछे पड़ जाएं, मेरे साथ इज्जत से पेश आएं- तापसी पन्नू
वुमन बेस्ड और गंभीर मुद्दों वाली फिल्मों की झंडाबरदार कहलाने वाली एक्ट्रेस तापसी पन्नू इन दिनों चर्चा में हैं अपनी नई फिल्म ‘ब्लर’ को लेकर। इस फिल्म में वे महज एक्ट्रेस ही नहीं बल्कि मेकर की जिम्मेदारी भी निभा रही हैं। उनसे एक बेहद खास मुलाकात।
हाइलाइट्स
- मेरे बॉडीगार्ड आपको धक्का न मारें, तो इज्जत से पेश आएं- तापसी पन्नू
- पापा को धक्के मार- मारकर जबरदस्ती रिटायर करवाया- तापसी
- पब्लिक फिगर होने का हर्जाना ज्यादा देना पड़ता है- तापसी पन्नू
आपने मेकर के रूप में ‘ब्लर’ जैसी रीमेक फिल्म (स्पेनिश फिल्म जेसिकाज आइज ) को क्यों चुना?
-जब ये फिल्म आई थी मेरे पास तो मैने ये फिल्म बतौर एक्ट्रेस साइन की थी। प्रोडक्शन हाउस का आइडिया पहले से मेरे दिमाग था, लेकिन इस फिल्म से शुरू होगा ये बिल्कुल भी नहीं पता था। फिल्म करते हुए मुझे इसका को-प्रोड्यूसर बनने का आइडिया आया। मुझे लगता है कि इस फिल्म की विशेषता ये नहीं है कि 100 करोड़ कमाने वाली फिल्म है या फिर ज्यादा से ज्यादा लोग इसको देखेंगे या बहुत ज्यादा एंटरटेनमेंट होगा इसमें। मेरे लिए इस फिल्म को गुणवत्ता के साथ बनाना बहुत जरूरी था, क्योंकि ये वो फिल्म है जो आज के 10 साल बाद भी देखी जाएगी, तब भी रिलेवेंट रहेगी अगर अच्छे से बनाई गई तो। मैं ये भी चाहती थी कि क्वालिटी के साथ -साथ कास्टिंग में भी मेरा नियंत्रण रहे। मैं स्पेनिश निर्देशक ओरिओल पॉलो की बहुत बड़ी फैन हूं ,ब्लर उन्हीं की जूलियाज आईज की रीमेक है। इससे पहले मैंने जो बदला की थी वो भी उन्हीं की इनविजिबल गेस्ट की रीमेक थी और अनुराग कश्यप निर्देशित दोबारा भी उन्हीं की मेराज का एडाप्टेशन थी। मैं तो चाहती हूं कि ओरिओल पॉलो अब मुझे डायरेक्ट स्क्रिप्ट भेजना शुरू कर दें।
आपको फिल्मों के मामले में महिला अधिकारों की झंडाबरदार कहा जाता रहा है और अब बदला, दोबारा, लूप लपेटा और ब्लर के बाद रीमेक स्पेशलिस्ट कहा जाने लगा है?
-मुझे लगता है कि दर्शकों में अगर मेरी कोई इमेज है चाहे वो वुमन बेस्ड फिल्मों की हो या रीमेक स्पेशलिस्ट, तो बहुत बड़ी बात है। सच तो ये है कि मैं बड़ी हुई हूं ऐसी फिल्में देख-देख कर, जिसमें मैंने महिला हीरो मिस किए हैं, तो इस वजह से मेरा झुकाव अपने आप इन फिल्मों कि तरफ ज्यादा होता है और ये फिल्में मुझे पसंद आती हैं। मेरे पास ऐसी ही फिल्में आती हैं, जो नायिका प्रधान हो। अरे, मैं एवरेज ओरिजनल कॉन्टेंट करूं, उससे तो बेहतर है मैं एक सुपीरियर रीमेक एडेप्टेशन कर लूं। इसमें मेरी इज्जत कम नहीं हो रही है। मुझे अच्छी फिल्मों से जुड़ना है फिर चाहे वो चाहे वो ओरिजनल हो, एडेप्टेशन हो या रीमेक हो मुझे फर्क नहीं पड़ता। मैं अपना टच लेकर आऊंगी। हालांकि मैं काफी ओरिजनल कॉन्टेंट का हिस्सा भी रही हूं, मगर हर जगह मेरे लिए स्क्रिप्ट पहले आती है।
इस हफ्ते थिएटर और ओटीटी पर रिलीज होने वाली फिल्मों में काजोल की सलाम वेंकी और नीना गुप्ता की वध भी हैं, आपके काम को इनके साथ कंपेयर किया जाएगा?
– मैं खुद इन दोनों की ऑडियंस हूं। मैं खुद देखने जाऊंगी इनकी फिल्में और वो भी बाकायादा पैसे दे कर। मैं इनसे कंपीट करने के बारे में सोच भी नहीं सकती। मैं तो सिर्फ इस बात की खुशी मना सकती हूं कि मेरा नाम इनके साथ आ जाता है। नीना जी के सा मैं काम कर चुकी हूं मुल्क में और काजोल की बहुत बड़ी फैन रही हूं। परदे के पीछे भी मैं उनसे दो -तीन बार मिल चुकी हूं। गजब की पर्सनैलिटी हैं, वे। मैं उम्मीद करूंगी कि किसी दिन उनके साथ काम करने का मौका मिले।
अब आप निर्मात्री बन गई हैं, तो क्या आप फिल्मों में प्रॉफिट शेयरिंग लेना चाहेंगी? क्या आप मानती हैं कि इंडस्ट्री में हीरो की तुलना में हीरोइन को प्रॉफिट शेयरिंग देने को लेकर अभी भी मेंटल ब्लॉक है?
-बिल्कुल लेना चाहूंगी। हालांकि मैं प्रोड्यूसर इसलिए नहीं बनी कि मुझे प्रॉफिट शेयर मिले। उसके लिए मुझे प्रोडक्शन हाउस खोलने की जरूरत नहीं है। साउथ की दो-तीन फिल्मों में प्रॉफिट शेयर लेकर मैं अच्छा-खासा पैसा कमा चुकी हूं। हिंदी में भी करना चाहूंगी, मगर ये निर्भर करता है कि कौन देना चाहेगा? जहां तक हीरो को प्रॉफिट शेयरिंग मिलने की बात है, तो ये सभी वो एक्टर हैं, जिनका बहुत बड़ा कंट्रीब्यूशन रहा है, जनता को थिएटर में लाने में। जिस दिन ये विश्वास मेरी ऑडियंस में आ गया कि उनको पता चला कि मैं हूं फिल्म में तो वो आएंगे देखने, तो प्रोड्यूसर्स फिर ओपन हो जाते हैं प्रॉफिट शेयर करने में। मैं उस स्टेज पर पहुंचना चाहूंगी।
पैपराजी के साथ आपका रिश्ता लव एंड हेट का नजर आता है। कई बार आप उन पर भड़क भी जाती हैं?
-बॉलिवुड में मुझे दस साल हो गए हैं और जो मीडिया मुझे वन टू वन बेसिस पर मिलती है, मेरे व्यक्तित्व को बखूबी जानती है। मैं सिर्फ मूवी कैमरे के सामने एक्टिंग करती हूं। दूसरे कैमरों के सामने नहीं आती, ना ही मैं पैपराजी वाले पैकेज खरीदती हूं कि मुझे हमेशा इस तरह के टैगलाइन और इस तरह के विडियो के साथ दिखाया जाए और मेरी न प्रोफेशनल और पर्सनल लाइफ अलग है। जब मैं घर से बाहर निकलती हूं तो कोशिश यही रहती है कि मत क्लिक करो मुझे और अगर कर भी रहे हो तो थोड़ी इज्जत के साथ ट्रीट करो। मैं आपको सम्मान दूंगी, आप भी मुझे सम्मान दो। चूंकि मैं पब्लिक फिगर हूं, इसलिए आपको कोई हक नहीं है कि आप मेरे अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ करो। कई बार ऐसा हो चुका है कि मैं बात करने के मूड में नहीं हूं और जाकर बैठ रही हूं, मगर मेरी गाड़ी का दरवाजा रोककर मेरे मुंह के आगे कैमरा कर दिया जाता है, ताकि मैं रिएक्ट करूं और उनको ऐसे विडियो मिलें जिसपर सैकड़ों लाइक्स आ जाएं और कॉमेंट्स की बारिश हो जाए। अगर मैं बिना बॉडीगार्ड के घूम रही हूं जो आपको धक्का नहीं मार रहा है, तो आप ये लिबर्टी लेते हो कि मेरे स्पेस में घुस जाते हो जो कि एक इंसान के तौर पर गलत है। पब्लिक फिगर तो दूर की बात है आप किसी इंसान के साथ ऐसा नहीं कर सकते हैं। अगर आप चाहते हैं, बॉडीगार्ड आपको धक्का न मारे, तो मेरे साथ इज्जत से पेश आएं। कई बार पब्लिक फिगर होने का हर्जाना ज्यादा देना पड़ता है, क्योंकि कई बार हमें इंसानों से भी ज्यादा खराब तरीके से ट्रीट किया जाता है। मैं जू की जानवर थोड़ी हूं कि आप मेरे पीछे कैमरा लेकर पड़े हैं और मैं आपको मनोरंजन दूं।
बीते सालों में आप आत्मनिर्भर बनकर परिवार का आधार स्तंभ भी बन चुकी हैं। परिवार के लिए ऐसा क्या किया, जिससे आपको गर्व हुआ हो?
-अगर अभी की बात करूं तो मैंने अपने पिताजी को धक्के मार- मार कर जबरदस्ती रिटायर करवाया। उसके बाद उनको एक महीने की लंबी-चौड़ी अब्रॉड ट्रिप के लिए भेजा, यूरोप, अमेरिका और क्रूज पर । ये करके मुझे बहुत खुशी मिली थी, क्योंकि बच्चों को पालने के चक्कर में मेरे माता-पिता कभी पैसे खर्च ही नहीं कर पाए, तो एक तरह से ये मेरा उनके लिए पेबैक था।
ब्लर में आपके किरदार का सबसे बड़ा डर होता है, दृष्टि चले जाने का, असल जिंदगी में आपका सबसे बड़ा फियर क्या है?
-मेरा सबसे बड़ा डर है अपने परिवार अर्थात मम्मी, पापा या बहन को खो देने का डर। मेरे परिवार को अगर कुछ हो गया, तो मेरे पास कोई प्लान नहीं है कि कैसे डील करूंगी। और ऐसी चीज मैंने एक ही बार बहुत नजदीक से देखी थी, जब मेरे पापा की बाईपास सर्जरी हो रही थी। उनको स्ट्रेचर पर देख कर ही मेरी जमीन हिल गई थी।