मध्यप्रदेश देश के बड़े सौर ऊर्जा केंद्रों में से एक बन कर उभरा है मध्य प्रदेश में पिछले 10 साल में नवीकरणीय क्षमता में 11 गुना वृद्धि हुई है औसतन प्रति वर्ष सौर परियोजनाओं में 54% और पवन परियोजनाओं में 23% की वृद्धि हुई है प्रदेश में विश्व की सबसे बड़ी परियोजनाओं में से एक 750 मेगावाट और 4000 करोड़ लागत की रीवा अल्ट्रा मेगा सोलर परियोजना से उत्पादन जनवरी 2020 में पूर्ण क्षमता से प्रारंभ हो चुका है इसके साथ ही पानी पर तैरता हुआ सौर ऊर्जा का दुनिया में सबसे बड़ा पावर प्लांट 600 मेगा वाट जल्द ही ओंकारेश्वर में मां नर्मदा के आंचल मैं आकर ले रहा है ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट का प्रथम चरण का एल ओ ए पी पी ए साइन किया जा चुका है तीन कंपनियां पहले चरण में 278 मेगावाट की क्षमता से प्लांट को बनाएंगे 4 अगस्त से इसका काम शुरू हो गया है अगले साल में बिजली उत्पादन भी शुरू हो जाएगा प्रदेश में सौर ऊर्जा की वृहद परियोजनाएं आगर मालवा शाजापुर नीमच आदि में अगले वर्ष से सौर ऊर्जा का उत्पादन शुरू कर देंगी वही छतरपुर और मुरैना सौर परियोजना हाइब्रिड और स्टोरेज के साथ विकसित की जाएंगी जो वर्ष 2024 तक उत्पादन शुरू कर देंगे वर्ष 2012 तक नौकर अन्य परियोजनाओं की छमता मात्र 438 मेगावाट थी जो मौजूदा स्थिति में करीब 54 सौ से अधिक मेगा वाट पहुंच चुकी है इसमें सौर ऊर्जा से 2461 मेगा वाट पवन ऊर्जा से 2535 बायोमास से 120 और लघु जल विद्युत ऊर्जा से 99 मेगा वाट विद्युत का उत्पादन हो रहा है