सब-लेफ्टिनेंट निशांत ने बढ़ाया प्रदेश का मान, टेक्निकल कोर्स में पाया पहला स्थान

टीकमगढ़ जिले के सुभाष पुरम कॉलोनी निवासी भारतीय नौ सेना में पदस्थ सब-लेफ्टिनेंट निशांत विश्वकर्मा ने एक बार फिर प्रदेश का नाम रोशन कर मध्यप्रदेश को राष्ट्रीय पहचान दिलायी है। निशांत 99वें एकीकृत नौ सेना अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सब-लेफ्टिनेंट टेक्निकल कोर्स को पूरा कर अब तक के प्रशिक्षण चरण के साथ-साथ नौसेना स्टाफ रोलिंग ट्रॉफी के प्रमुख के रूप में सब-लेफ्टिनेंट (X) के दौरान प्रथम स्थान पर रहने के लिए मेरिट के समग्र क्रम में प्रथम स्थान पर रहे। सब-लेफ्टिनेंट निशांत विश्वकर्मा को प्रथम स्थान हासिल करने पर एडमिरल राम दास कटारी ट्रॉफी तथा चीफ ऑफ नेवल स्टाफ गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

99वें एकीकृत अधिकारी प्रशिक्षण पाठ्यक्रम में सब-लेफ्टिनेंट टेक्निकल कोर्स के पूरा होने पर 102 अधिकारी प्रशिक्षुओं का नौसेना बेस, कोच्चि में गरिमा पूर्ण पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया। परेड की समीक्षा रियर एडमिरल जे सिंह, सीओएस, एसएनसी द्वारा की गई, जिन्होंने मेधावी अधिकारियों को पदक, ट्रॉफी और पुस्तक पुरस्कार से सम्मानित किया।

सब-लेफ्टिनेंट निशांत विश्वकर्मा की इस उपलब्धि पर कलेक्टर सुभाष कुमार द्विवेदी तथा पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने उन्हें बधाई दी तथा उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। वहीं, उपलब्धि पर निशांत को जनप्रतिनिधियों,  परिजनों, रिश्तेदारों, गुरूजनों सहित टीकमगढ़ वासियों ने भी उन्हें बधाई दी।

सब-लेफ्टिनेंट निशांत विश्वकर्मा ने इस उपलब्धि से जिले के साथ-साथ प्रदेश का नाम रोशन किया। पूर्व में भी निशांत विश्वकर्मा को एनडीए प्रशिक्षण के दौरान रक्षामंत्री राजनाथ सिंह द्वारा राष्ट्रपति ब्रांज मेडल से सम्मानित किया गया था। निशांत विश्वकर्मा के पिता डॉ. डीके विश्वकर्मा  पशुपालन विभाग टीकमगढ़ में उपसंचालक हैं।

टेक्निकल कोर्स पूरा होने पर 102 अधिकारी प्रशिक्षुओं का पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया।

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टेक्निकल कोर्स पूरा होने पर 102 अधिकारी प्रशिक्षुओं का पासिंग आउट परेड का आयोजन किया गया।

सीईएलएबीएस (CELABS)  द्वारा समन्वित 39 सप्ताह का सब-लेफ्टिनेंट टेक्निकल कोर्स कोच्चि जामनगर, लोनावाला और मुंबई में स्थित 14 पेशेवर स्कूलों में आयोजित किया गया। सैद्धांतिक प्रशिक्षण के अलावा, प्रशिक्षु अधिकारियों को बाहरी अभ्यास, जल कौशल प्रशिक्षण, खेल और विभिन्न सह-पाठयक्रम गतिविधियों के माध्यम से व्यावहारिक सीखने के माहौल से अवगत कराया गया।

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