रेशम उत्पादन में भ्रष्टाचार के कीड़े, मध्‍य प्रदेश में सात साल में चाट गए ढाई सौ करोड़

छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई, लेकिन बड़ों पर नहीं आ रही आंच। किसानों ने अलग-अलग समय में इसकी शिकायत लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू और विभाग के अधिकारियों से की है।

भोपाल (राज्य ब्यूरो)। किसानों को समृद्ध बनाने के लिए रेशम उत्पादन में सरकार कई तरह से मदद कर रही है, लेकिन यह उद्योग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। नर्मदापुरम जिले में सात साल के भीतर तीन अलग-अलग घोटालों में ढाई सौ करोड़ से ज्यादा के भ्रष्टाचार का अनुमान है। रेशम आयुक्त ने पिछले हफ्ते दो कर्मचारियों को गड़बड़ी के आरोप में निलंबित किया है, लेकिन उन बड़े अधिकारियों पर आंच नहीं आई जिनका काम निगरानी का था।

किसानों ने अलग-अलग समय में इसकी शिकायत लोकायुक्त, ईओडब्ल्यू (आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ) और विभाग के अधिकारियों से की है। इसके बाद भी गड़बड़ी नहीं रुक रही है। तीनों मामलों में अलग-अलग तरह की गड़बड़ी की गई है। कहीं ज्यादा जमीन में उत्पादन दिखाकर सब्सिडी राशि अधिकारियों-कर्मचारियों ने अपनी जेब में डाल ली तो कहीं स्टाक ही गायब कर दिया। रेशम उत्पादन के लिए घर बनाने में भी शर्तों का पालन नहीं किया गया। रेश्ाम संचालनालय की तरफ से जांच एजेंसियों को दस्तावेज भी उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं।

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