नई दिल्ली,दिल्ली हाई कोर्ट ने सोमवार को योग गुरु रामदेव को यह दावा करने से रोक दिया कि ‘कोरोनिल’ कोविड-19 का इलाज है और उन्हें तीन दिनों के भीतर सभी वेबसाइट और सोशल मीडिया मंचों से पतंजलि के इस उत्पाद के संबंध में ऐसे दावे हटाने का निर्देश दिया. न्यायमूर्ति अनूप जयराम भंभानी ने रामदेव के खिलाफ चिकित्सकों के कई संघों द्वारा दायर याचिका पर अपने अंतरिम आदेश में कहा कि वैधानिक अनुमोदन ने टैबलेट को ‘कोविड-19 के लिए सहायक उपाय’ के रूप में उपयोग करने की अनुमति दी, जो कि रामदेव के इस दावे से ‘‘बहुत दूर” है कि यह इस संक्रमण का इलाज है.
कोर्ट ने दिया क्या आदेश
न्यायाधीश ने कहा कि इस तरह के विज्ञापन और उत्पाद के प्रचार की अनुमति देने से न केवल जनता को खतरा होगा, बल्कि आयुर्वेद की भी ‘‘बदनामी” हो सकती है. न्यायाधीश ने कहा, ‘‘कुछ आपत्तिजनक पोस्ट और सामग्री को हटाने के निर्देश दिए जाते हैं. प्रतिवादी को तीन दिनों में उन ट्वीट को हटाने के निर्देश दिए जाते हैं.” अदालत ने कहा कि अगर निर्देश का पालन नहीं किया जाता है, तो संबंधित सोशल मीडिया मंच इस सामग्री को हटा देंगे. यह याचिका रामदेव, उनके सहयोगी आचार्य बालकृष्ण और पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ चिकित्सक संघों द्वारा दायर 2021 के मुकदमे का एक हिस्सा है.