नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शासकीय महिला कर्मचारियों को सरोगेसी से मां बनने पर भी मैटर्निटी लीव देने का फैसला किया है। इसके लिए सरकार ने 50 साल पुराने नियम में बदलाव करते हुए, ऐसी स्थिति में 180 दिनों का मातृत्व अवकाश देने की अनुमति दी है।साथ ही पिता भी 15 दिन का पितृत्व अवकाश ले सकेंगे। कार्मिक मंत्रालय ने केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) में संशोधित नियमों की अधिसूचना जारी करते हुए इसकी जानकारी दी। जारी अधिसूचना में बताया गया कि सरोगेसी के मामले में, सरोगेट मां, साथ ही दो से कम जीवित बच्चों वाली कमीशनिंग मां को 180 दिनों का मातृत्व अवकाश दिया जा सकता है, यदि दोनों में से कोई एक या दोनों सरकारी कर्मचारी हैं।
अब तक नहीं था इससे जुड़ा कोई नियम
गौरतलब है कि अब तक सरोगेसी के जरिए बच्चे के जन्म की स्थिति में महिला सरकारी कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश देने का कोई नियम नहीं था। नए नियमों के अनुसार, ‘सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के मामले में, कमीशनिंग पिता, जो एक पुरुष सरकारी कर्मचारी है और उसके दो से कम जीवित बच्चे हैं, उसे बच्चे की डिलीवरी की तारीख से 6 महीने की अवधि के भीतर 15 दिनों का पितृत्व अवकाश दिया जा सकता है।’
बच्चे की देखभाल के लिए मिलेगा अवकाश
केंद्रीय सिविल सेवा (अवकाश) (संशोधन) नियम, 2024 के अनुसार, सरोगेसी के मामले में, दो से कम जीवित बच्चों वाली कमीशनिंग मां को बाल देखभाल अवकाश दिया जा सकता है। कार्मिक मंत्रालय ने संशोधित नियमों में स्पष्ट किया है कि “सरोगेट मां” का अर्थ वह महिला है, जो कमीशनिंग मां की ओर से बच्चे को जन्म देती है और इसी तरह “कमीशनिंग पिता” का अर्थ सरोगेसी के माध्यम से पैदा हुए बच्चे के इच्छुक पिता से है।