नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी नेनालंदा विश्वविद्यालय के नए कैंपस का उद्घाटन किया। नए कैंपस में पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने बोधि वृक्ष लगाया। वहीं, उन्होंने अपना संबोधन भी दिया।प्रधानमंत्री ने कहा,”नालंदा केवल एक नाम नहीं है। नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा इस सत्य का उद्घोष है कि आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।” प्रधानमंत्री ने नालंदा के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व का जिक्र करते हुए कहा,” प्राचीन नालंदा में बच्चों का एडमिशन उनकी पहचान, उनकी राष्ट्रीयता को देखकर नहीं होता था। हर देश, हर वर्ग के युवा यहां आते थे।”
पीएम मोदी ने कहा कि नालंदा विश्वविद्यालय के इस नए कैंपस में हमें उसी प्राचीन व्यवस्था को फिर से मजबूती देनी है। दुनिया के कई देशों से यहां छात्र आने लगे हैं। यहां नालंदा में 20 से ज्यादा देशों के छात्र पढ़ाई कर रहे हैं। ये वसुधैव कुटुंबकम की भावना का कितना सुंदर प्रतीक है।
भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा,”नालंदा केवल भारत के ही अतीत का पुनर्जागरण नहीं है। इसमें विश्व के एशिया के कितने ही देशों की विरासत जुड़ी हुई है। नालंदा यूनिवर्सिटी के पुनर्निर्माण में हमारे साथी देशों की भागीदारी भी रही है। मैं इस अवसर पर भारत के सभी मित्र देशों का अभिनंदन करता हूं।”
नालंदा से एशिया के कई देशों की विरासत जुड़ी है: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने नालंदा विश्वविद्यालय से पूरी दुनिया को संदेश भी दिया। पीएम मोदी ने कहा, ‘नालंदा केवल भारत के अतीत का ही पुनर्जागरण नहीं है, इसमें भारत ही नहीं एशिया के कितने देशों की विरासत जुड़ी है। एक यूनिवर्सिटी के उद्घाटन में इतने देशों के प्रतिनिधियों का शामिल होना अपने आप में अभूतपूर्व है। बिहार के लोगों को बधाई कि वो अपने गौरव को वापस लाने के लिए जिस तरह से विकास की राह पर आगे बढ़ रहे हैं, नालंदा का ये कैंपस उसी की एक प्रेरणा है।’
नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है…
प्रधानमंत्री ने कहा,”नालंदा एक पहचान है, एक सम्मान है। नालंदा एक मूल्य है, मंत्र है, गौरव है, गाथा है। नालंदा उद्घोष है इस सत्य की आग की लपटों में पुस्तकें भले जल जाएं, लेकिन आग की लपटें ज्ञान को नहीं मिटा सकतीं।”