भोपाल में बीते रोज गौरव दिवस मनाया गया, इस आयोजन में पहुंचे मनोज मुंतशिर ने भोपाल का नाम भोजपाल किए जाने की जोरदार तरीके से मांग उठाई.

Bhopal का नाम बदलने की मांग की गई है. गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ये मांग की है. भोपाल में बीते रोज गौरव दिवस मनाया गया, इस आयोजन में पहुंचे मनोज मुंतशिर ने भोपाल का नाम भोजपाल किए जाने की जोरदार तरीके से मांग उठाई.

Bhopal का नाम बदलने की मांग, दिग्गज गीतकार मनोज मुंतशिर ने दिया इस नाम का सुझाव

 मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल का नाम बदलने की मांग की गई है. गीतकार और लेखक मनोज मुंतशिर शुक्ला ने ये मांग की है. भोपाल में बीते रोज गौरव दिवस मनाया गया, इस आयोजन में पहुंचे मनोज मुंतशिर ने भोपाल का नाम भोजपाल किए जाने की जोरदार तरीके से मांग उठाई. 

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मनोज मुंतशिर ने कहा, ये दोस्त मोहम्मद जैसे लुटेरे और नवाब हमीदुल्लाह जैसे आतंकी का नगर नहीं, बल्कि ये राजा भोज का नगर है. उन्होंने कहा, …वो रोजा भोज जो पालक थे, वो राजा भोज जो शिव भक्त थे.  मनोज मुंतशिर ने कहा कि भोपाल का नाम बदलकर अब भोजपाल नहीं होगा तो कब होगा? 

मनोज मुंतशिर ने कहा, एक जून के दिन 1949 में भोपाल में पहली बार तिरंगा फहराया गया था. सभी सोचते होंगे कि देश तो 1947 में आजाद हुआ था, फिर दो साल बाद भोपाल में तिरंगा क्यों फहराया गया. उन्होंने कहा कि एक लोभी नवाब ने भोपाल की आजादी कराके अपनी मुट्ठी में कैद कर रखा था. इसलिए भोपालवासियों ने दो साल बाद आजादी की सांस ली थी. 

उन्होंने कहा कि भोपाल नवाब के कण-कण में पाकिस्तान समाया हुआ था. वे चाहते थे कि भोपाल, पाकिस्तान का हिस्सा हो. भोपाल में भारत का नहीं, बल्कि पाकिस्तान का परचम लहराया जाए, लेकिन नवाब साहब को कौन बताता कि यह तपस्वी राजा भोज की पुण्यभूमि है, जिसके कण-कण में उनकी तपोशक्ति भरी हुई है. वो राजा भोज जिनका दर्शन था कि पृथ्वी किसी की संपत्ति नहीं है, पृथ्वी मुक्त है.

news reporter raju markam 9301309374

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