आतंकी कसाब को अदालत में पहचानने वाली Devika Rotawan, ‘भारत जोड़ो यात्रा’ यात्रा में हुईं शामिल, राजस्थान सरकार पूरा करेगी उनका यह सपना

Devika Rotawan: देविका रोटावन 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के सर्वाइवर में से एक हैं. वह 9 साल की थी जब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई में हमले के दौरान उनके पैर में गोली लगी थी. 

Reported By Dy. Editor, SACHIN RAI, 8982355810

आतंकी कसाब को अदालत में पहचानने वाली Devika Rotawan, 'भारत जोड़ो यात्रा' यात्रा में हुईं शामिल, राजस्थान सरकार पूरा करेगी उनका यह सपना

Bharat Jodo Yatra: राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ में देविका रोटावन नाम की युवती भी शामिल हुई हैं. देविका 26/11 के आतंकी हमले में घायल हुई थी बाद में वह इस मामले की अहम गवाह बनी थीं. राहुल गांधी ने जहां देविका की ट्वीट कर तारीफ की वहीं

राहुल गांधी ने यात्रा में शामिल हुईं देविका की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘9 साल की उम्र में, देविका रोटावन 26/11 के आतंकी हमले में घायल हुईं, फिर देश को न्याय दिलवाने के लिए गवाह बनीं. हाल ही में वह भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुईं. ‘

आप पर गर्व है देविका’
कांग्रेस सांसद ने अपने ट्वीट में आगे लिखा, ‘राजस्थान की सरकार उनकी देशभक्ति को सम्मानित करते हुए उनके अपने घर के सपने को पूरा कर रही है. आप पर गर्व है, देविका!’

अशोक गहलोत ने किया ट्वीट
राहुल गांधी के इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोख  गहलोत ने लिखा, ‘देविका ’डरो मत’ की सच्ची मिसाल हैं, जिन्होंने अपनी निडरता से पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है. उनका अदम्य साहस और देशप्रेम, सम्मान का हक़दार है. यह देखते हुए, राजस्थान सरकार ने उनके लिए आवास प्रदान करने का निर्णय लिया है.’

देविका ’डरो मत’ की सच्ची मिसाल हैं, जिन्होंने अपनी निडरता से पूरे प्रदेश का मान बढ़ाया है।

उनका अदम्य साहस और देशप्रेम, सम्मान का हक़दार है। यह देखते हुए, राजस्थान सरकार ने उनके लिए आवास प्रदान करने का निर्णय लिया है। 

कौन हैं देविका
देविका रोटावन विकिपीडिया पेज बताता है कि वह 2008 के मुंबई हमलों (26/11) के बचे लोगों में से एक हैं और इस हमले की एक प्रमुख गवाह है जिसने आतंकी अजमल कसाब की पहचान की. वह 9 साल की थी जब छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, मुंबई में हमले के दौरान उसके पैर में गोली लगी थी. 26 नवंबर 2008 को, जब हमला शुरू हुआ, तब वह अपने पिता और भाई के साथ एक ट्रेन का इंतजार कर रही थी.

अजमल कसाब के खिलाफ मुकदमे में वह सबसे कम उम्र की गवाह थीं. वकीलों और बयानों के साथ बैठकों में मुकदमे की तैयारी के दौरान वह अपनी चोटों से उबर रही थीं. 10 जून 2009 को, मुकदमे की अपनी गवाही के दौरान, उसने कसाब को ट्रेन स्टेशन पर एक हमलावर के रूप में पहचाना, और उसके पिता ने भी गवाही दी.

देविका रोटावन की मां सारिका रोटावन की 2006 में मृत्यु हो गई थी और 2008 के मुंबई हमलों से पहले उनके पिता नटवरलाल रोटावन ड्राई फ्रूट्स बेचते थे. रोटावन परिवार मूल रूप से राजस्थान से है.

26/11 के मुंबई हमलों के बाद जब  देविका स्कूल के दोस्त उसे चिढ़ाते थे और उन्होंने देविका से दूरी बना ली थी.

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