अफगानिस्‍तान में तालिबान का रूख सख्‍त, पत्रकारवार्ता में किये मंसूबे जाहिर, मीडिया को हमारे खिलाफ काम नहीं करना चाहिए

अमेरिका की अफगानिस्तान से वापसी हो चुकी है और तालिबान ने अपना भयानक चेहरा उजागर करना शुरु कर दिया है. प्रेस कॉन्फ्रेंस में किए गए अपने सभी वादों को तालिबान अब झुठलाता नजर आ रहा है. ब्रिटिश और अमेरिकन सेना की मदद करने वाले अफगानी नागरिकों को गद्दार बताकर उन्हें रात के वक्त खतरनाक धमकियों से भरे खत भेजे जा रहे हैं ।

इन लोगों को पत्रों के सहारे कहा जा रहा है कि इन्हें तालिबान की कोर्ट में हाजिरी लगानी होगी. अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उन्हें मौत के घाट उतार दिया जाएगा. इसके चलते कई स्थानीय अफगानियों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है और ये लोग अपनी जान बचाने की तमाम कोशिशों में लगे हुए हैं.

ऐसा ही एक लेटर 34 साल के नाज को मिला है. इस शख्स की कंस्ट्रक्शन कंपनी ब्रिटिश सेना की हेलमेंड में सड़कें बनाने में मदद करती थी. इसके अलावा नाज की कंपनी ने कैम्प बेस्टियन का रन-वे बनवाने में भी मदद की थी. नाज ने अफगान रि-लोकेशन प्रोग्राम के तहत ब्रिटेन में शरण पाने के लिए आवेदन भी दिया था लेकिन ये रिजेक्ट हो गया.

डेली मेल की रिपोर्ट के अनुसार, नाज ने कहा कि ये तालिबान का आधिकारिक पत्र है और इस पर स्टैंप भी लगा हुआ है. ये एक साफ मैसेज है कि वे मुझे मारना चाहते है अगर मैं तालिबान की कोर्ट में जाता हूं तो मुझे कड़ी से कड़ी सजा सुनाई जाएगी और ना जाने पर वे मुझे मार डालेंगे.

उन्होंने आगे कहा कि यही कारण है कि मैं छिपता-छिपाता फिर रहा हूं और यहां से निकलने की कोशिश कर रहा हूं लेकिन मुझे मदद चाहिए. इसके अलावा ब्रिटिश मिलिट्री के लिए ट्रांसलेटर का काम करने वाले शख्स को पत्र के सहारे कहा गया कि वो गद्दारों का जासूस है और उसे तालिबान की कोर्ट में आना होगा वर्ना वो गद्दारों का जासूस है और उसे तालिबान की कोर्ट में आना होगा वर्ना वो जिंदा नहीं बचेगा. 

इसके अलावा उसी रात को तीसरा खत एक इंटरप्रेटर के भाई को मिला था. इस पत्र में भी चेतावनी थी कि उसे मार दिया जाएगा क्योंकि उसने ब्रिटेन आर्मी के लिए  इंटरप्रेटर का काम करने वाले भाई को अपने घर में रखा हुआ था. वही रात का चौथा लेटर एक शख्स के जूते में मिला जब वो मस्जिद के लिए घर से निकल रहा था. ये शख्स भी अमेरिकी आर्मी के लिए ट्रांसलेशन का काम करता था. 

महिलाओ को हक मिलेंगे मगर शरिया कानून के अनुसार

कैमरों के सामने पहली बार आए तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, “20 साल के संघर्ष के बाद हमने देश को आज़ाद कर लिया है और विदेशियों को देश से बाहर निकाल दिया है.”

उन्होंने इसे पूरे देश के लिए गौरव का पल बताया है.

जबीहुल्लाह मुज़ाहिद कहते हैं, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को आश्वस्त करना चाहते हैं कि किसी को नुक़सान नहीं होने देंगे.”

तालिबान के प्रवक्ता ने कहा, “हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ कोई उलझन नहीं चाहते हैं. हमें हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार काम करने का अधिकार है. दूसरे देशों के अलग-अलग दृष्टिकोण, नियम और कानून हैं. हमारे मूल्यों के अनुसार, अफ़ग़ानों को अपने नियम और कानून तय करने का अधिकार है.”

मुज़ाहिद ने कहा, “हम शरिया व्यवस्था के तहत महिलाओं के हक़ तय करने को प्रतिबद्ध हैं. महिलाएं हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करने जा रही हैं. हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भरोसा दिलाना चाहते हैं कि उनके साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.”

“हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं. अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते.”

तालिबान के प्रवक्ता ने इस मौके पर कहा, “हम यह तय करेंगे कि अफ़ग़ानिस्तान अब संघर्ष का मैदान नहीं रह गया है. हमने उन सभी को माफ़ कर दिया है, जिन्होंने हमारे ख़िलाफ़ लड़ाइयां लड़ी. अब हमारी दुश्मनी ख़त्म हो गई है.”

जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, “हम अब बाहर या देश के भीतर कोई दुश्मन नहीं चाहते हैं. अब हम काबुल में अराजकता देखना नहीं चाहते.”

उन्होंने कहा, “हमारी योजना काबुल के द्वार पर रुकने की थी, ताकि संक्रमण की प्रक्रिया सुचारू रूप से संपन्न हो जाए. लेकिन दुर्भाग्य से, पिछली सरकार बहुत अक्षम थी. उनके सुरक्षा बल सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए कुछ ख़ास न कर सके. ऐसे में हमें ही कुछ करना था.”

मुजाहिद ने कहा, “काबुल के लोगों की सुरक्षा तय करने के लिए हमें काबुल में दाखिल होना पड़ा.

“मीडिया को हमारी कमियों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि हम राष्ट्र की अच्छे से सेवा कर सकें”

तालिबान के प्रेस कॉन्फ़्रेंस में इसके प्रवक्ता जबीहुल्ला मुज़ाहिद ने कहा, “अपने सांस्कृतिक ढांचे के भीतर हम मीडिया के प्रति प्रतिबद्ध हैं.”

उन्होंने कहा, “मीडिया को हमारी कमियों पर ध्यान देना चाहिए, ताकि हम राष्ट्र की अच्छे से सेवा कर सकें. लेकिन मीडिया को भी ये ध्यान में रखना चाहिए कि इस्लामी मूल्यों के ख़िलाफ़ कोई काम नहीं होना चाहिए.”

हमारी व्‍यवस्‍था के तहत महिलाएं काम कर सकती हैं’

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुज़ाहिद ने महिला अधिकारों के बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, “हम महिलाओं को अपनी व्यवस्था के भीतर काम करने और पढ़ने की अनुमति देने जा रहे हैं. महिलाएं हमारे समाज और हमारे ढांचे के भीतर अब बहुत सक्रिय होने जा रही हैं.”

मीडिया के प्रति प्रतिबद्ध हैं

तालिबान के प्रवक्ता ने साफ़ किया कि उनके शासन के दौरान प्राइवेट मीडिया पहले की तरह काम करता रहेगा.

मुज़ाहिद कहते हैं, “मैं मीडिया को आश्वस्त करना चाहता हूं कि हम अपने सांस्कृतिक ढांचे के भीतर मीडिया के प्रति प्रतिबद्ध हैं.”

“हम किसी के साथ बदला लेने नहीं जा रहे हैं”

विदेशी सुरक्षा बलों के साथ काम करने वाले ठेकेदारों और अनुवादकों के बारे में सवाल पूछे जाने पर जबीहुल्लाह मुज़ाहिद ने कहा, “हम किसी के साथ बदला लेने नहीं जा रहे हैं.”

वे कहते हैं, “जो युवा अफ़ग़ानिस्तान में पले-बढ़े हैं, हम नहीं चाहते कि वे यहां से चले जाएं. वे हमारी संपत्ति हैं. कोई भी उनके दरवाजे पर दस्तक देने और उनसे यह पूछने वाला नहीं है कि वे किसके लिए काम कर रहे हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “ऐसे लोग हमारे शासन में सुरक्षित रहने जा रहे हैं. किसी से पूछताछ या उनका पीछा नहीं किया जाएगा.”

तालिबान ने सभी को माफ कर दिया है

तालिबान के प्रवक्ता ने बताया, “हमने अफ़ग़ानिस्तान में स्थिरता या शांति पाने के लिए सभी को माफ़ कर दिया है.”

उन्होंने कहा, “हमारे लड़ाके और लोग, हम सब मिलकर यह तय करेंगे कि हम अपने साथ दूसरे सभी पक्षों और गुटों को ला सकें.”

मुज़ाहिद ने कहा, “जिन अफ़ग़ानों की जान दुश्मन सेना के लिए लड़ने के चलते चली गई, ये उनकी अपनी गलती थी. हमने तो कुछ ही दिनों में पूरे देश को जीत लिया.”

हम सरकार बनाने पर गंभीरता से काम कर रहे हैं

तालिबान के प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने बताया है, “सरकार बनने के बाद हम तय करेंगे कि कौन से क़ानून पेश किए जाएंगे.”

उन्होंने कहा, “एक बात मैं कहना चाहता हूं कि हम सरकार बनाने पर गंभीरता से काम कर रहे हैं. इसकी घोषणा सब कुछ तय होने के बाद की जाएगी.”

मुज़ाहिद के अनुसार, “देश की सभी सीमाएं हमारे नियंत्रण में हैं.”

उन्होंने एक बार फिर कहा, “मीडिया को हमारे ख़िलाफ़ काम नहीं करना चाहिए. उन्हें देश की एकता के लिए काम करना चाहिए.”

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