बैंक डिफाल्टर होने पर कर्ज लेने वाले ही नहीं बल्कि बैंक की साख पर भी बट्टा लग जाता है इसका नुकसान और लोगों को भी पहुंचता है और लोन लेने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसकी वजह है कि ऐसे हालात में बैंक कर्ज देने से कतराते ने लगतहोने पर कर्ज लेने वाले ही नहीं बल्कि बैंक की साख पर भी बट्टा लग जाता है इसका नुकसान और लोगों को भी पहुंचता है और लोन लेने वालों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता है इसकी वजह है कि ऐसे हालात में बैंक कर्ज देने से कतराते लगते हैं लेकिन अब इसमें बदलाव देखने को मिल सकता है सब ठीक रहा तो आने वाले दिनों में बैंक धोखाधड़ी के नियम बदल सकते हैं दरअसल बैंकों ने आरबीआई से धोखाधड़ी की परिभाषा में बदलाव की मांग की है देखो का कहना है कि धोखाधड़ी के मामलों में शिकायत के बाद जो नियम है उनमें बदलाव की जरूरत है बैंकों के मुताबिक अभी किसी किसी कंपनी के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत होने पर उसके सभी लेनदेन शक के घेरे में आ जाते हैं