राजधानी के महापौर पद के दावेदारों को इस बार पहले पार्षद का चुनाव लड़ना पड़ेगा इसके बाद नगर निगम परिषद की पहली बैठक में कलेक्टर की अध्यक्षता में महापौर और निगम परिषद अध्यक्ष दोनों का चुनाव होगा यानी 1994 की स्थिति फिर लौट आई है अंतर यह है कि महापौर के चुनाव के लिए आरक्षण की व्यवस्था लागू रहेगी राज्य सरकार की तैयारी नगरीय निकायों में द्वारा आरक्षण कराने की है द्वारा आरक्षण होने पर भोपाल में महापौर के पद के आरक्षण की स्थिति बदल भी सकती है फिलहाल यह पद महिलाओं के लिए आरक्षित है संविधान के 73वें और 74 वे संशोधन के बाद 1994 में हुए चुनाव में महापौर का चुनाव पार्षदों ने किया था