सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से रखी गई ट्रिपल टेस्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से रखी गई ट्रिपल टेस्ट की प्रारंभिक रिपोर्ट पर तल्ख टिप्पणी हुई है कोर्ट ने कहा कि प्रथम रिपोर्ट तैयार करना मात्र यह ट्रिपल टेस्ट की अनिवार्यता की पूर्ति नहीं करता यह पहला कदम है लेकिन जो प्रतिवेदन दिया गया है उसमें निकाय बार अध्ययन नहीं है इसलिए वर्तमान में रिपोर्ट का कोई अर्थ नहीं है कोर्ट ने यह भी कहा कि शिक्षण वर्ग आयोग से अपेक्षा थी कि वह ओबीसी के पदों के आरक्षण निकाय स्तर पर निर्धारित किया जाना चाहिए था यह आयोग ने नहीं किया साफ है कि आयोग 3 महीने की कवायद में मुकाम तक नहीं पहुंची अब आयोग को नए सिरे से निकाय बाद जाना पड़ सकता है

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *