सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट से कहा कि उसने राजद्रो्ह कानून के प्रावधाानों की फिर से जांंच और पुुुुुुुुनर्विचार करने का फैसला किया है, जबकि दो दिन पहले यानी शनिवार को सरकार ने देश के औपनिवेशिक युग के राजद्रो्ह कानून का बचाव किया था और सुप्रीम कोर्ट से इसे चुनौती देने वाली याचिकाओं को खारिज करने की मांग की थी, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में दायर एक नए लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट में दायर एक नए हलफनामे में केंद्र ने कहा आजादी का अमृत महोत्सव सुल्तान तथा के 75 वर्ष की भावना और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृष्टि में भारत सरकार ने आईपीसी की धारा 124 ए यानी देशद्रोह कानून के प्रावधानों का पुनरीक्षण और पुनर्विचार करने का निर्णय लिया है