सर्वदलीय बैठक में अफगानिस्‍तान को लेकर सभी दल एक मत

भारत द्वारा बड़े स्तर पर रेस्क्यू मिशन चलाया जा रहा है और लोगों को निकालने का काम जारी है. भारत अबतक सैकड़ों नागरिकों को काबुल से दिल्ली ला चुका है. आगे भारत की अफगानिस्तान, तालिबान को लेकर क्या रणनीति रहेगी, इसपर सर्वदलीय बैठक में चर्चा हुई.

हमारी प्राथमिकता अभी सभी लोगों को निकालने पर: सुब्रह्मण्यम जयशंकर

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक के बारे में बताया कि कुल 31 राजनीतिक दलों के 37 नेताओं ने बैठक में हिस्सा लिया. हर किसी के सवाल का जवाब दिया गया है, सभी लोग इस मसले पर एक साथ हैं. एस. जयशंकर ने जानकारी दी है कि हम लगातार लोगों को वापस ला रहे हैं, सबसे अधिक भारतीयों को वापस लाया गया है. साथ ही अफगान नागरिकों को भी भारत वापस लाया है. 

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत सरकार सभी नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने के लिए तत्पर है. भारत इस वक्त अपने सभी साथी देशों के साथ संपर्क में है और तालिबान के मसले पर बातचीत की जा रही है. 

अफगानिस्तान के मसले पर गुरुवार को भारत सरकार ने सर्वदलीय बैठक की. विदेश मंत्री एस. जयशंकर की अगुवाई में विदेश मंत्रालय की टीम ने सभी राजनीतिक दलों के फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान की स्थिति की जानकारी दी. सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने बताया है कि वह अभी वेट एंड वॉच के मोड में है, लेकिन मुख्य फोकस लोगों को वहां से निकालने पर है.

सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बैठक में बताया कि अफगानिस्तान में हालात काफी खराब हैं, ऐसे में भारत का फोकस अपने लोगों को जल्द निकालने पर है. 

विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने भी इस बैठक में प्रेजेंटेशन दी. सरकार की ओर से बताया गया है कि अफगानिस्तान में भारत सरकार की हेल्प डेस्क पर करीब 15 हज़ार लोगों ने संपर्क किया. पूरी दुनिया अभी भी तालिबान को लेकर वेट एंड वॉच की पॉलिसी अपना रही है, भारत भी अभी इस मोड में है. जानकारी के मुताबिक, सभी राजनीतिक दलों ने अफगानिस्तान से भारतीयों को निकाले जाने के प्रयासों की तारीफ की है.

विपक्ष के कई नेताओं ने लिया हिस्सा

गौरतलब है कि इस बैठक में विदेश मंत्री एस. जयशंकर, संसदीय मंत्री प्रह्लाद जोशी, पीयूष गोयल समेत सरकार की ओर से अन्य लोग शामिल हुए. जबकि विपक्ष की ओर से शरद पवार, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन चौधरी जैसे नेता और अन्य राजनीतिक दलों के सदस्यों ने मीटिंग में हिस्सा लिया

भारत (India) की ओर से लगातार लोगों को निकालने की कोशिश की जा रही है. भारत पहले ही अपने दूतावास के लोगों को निकाल चुका है, अब वहां फंसे भारतीयों को निकालने पर फोकस है. इसके अलावा अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू और सिखों को भी भारत लाया जा रहा है

वही अफगास्तिान के हवाई अड्डे पर तालिबानियों ने भारत आ रहे 140 सिक्‍खों को रोक रखा है जबकि भारत ने अफगानिस्‍तान में रह रहे 600 भारतीयों को वापस ले आया है लेकिन जो 140 सिक्‍ख एक धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आ रहे थे उन्‍हें तालिबानियों ने रोककर भारत के इस प्रयास पर रोक जैैैसी लगा दी जबकि यह एक सिक्‍ख अफगानिस्‍तान के नागरिक बताये जाते है ।

‘सिर्फ पंजशीर के लिए नहीं, बल्कि पूरे अफगानिस्तान के लिए लड़ रहे’प्रवक्ता फहीम दश्ती

अहमद मसूद के प्रवक्ता फहीम दश्ती ने कहा कि अब तक कोई भी डील नहीं हुई है. बातचीत जारी है. उन्होंने कहा कि हम सिर्फ एक पंजशीर प्रांत के लिए नहीं, बल्कि पूरे अफगानिस्तान के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. हम अफगानों, महिलाओं, अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में चिंतित हैं. तालिबान को समानता और अधिकारों का आश्वासन देना होगा.

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