5 राज्यों में करारी हार के बाद कांग्रेस हाईकमान के खिलाफ G-23 नेता लगातार मोर्चा खोले हुए हैं। गुलाम नबी आजाद के घर पर G-23 नेताओं की 24 घंटे में दूसरी बैठक होने जा रही है। बैठक के लिए पत्रकारों को भी बुलाया गया है। माना जा रहा है कि G-23 के नेता कोई बड़ा फैसला कर सकते हैं। 5 राज्यों के चुनाव परिणाम आने के बाद आजाद के घर यह तीसरी बैठक हो रही है। पहली बैठक 11 मार्च को हुई थी, जबकि बुधवार को दूसरी बैठक बुलाई गई थी।
चिदंबरम की अपील- कांग्रेस न तोड़ें G-23 के नेता
कांग्रेस की शर्मनाक हार के बाद लगातार पार्टी के भीतर उठ रहे विरोध के बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने गांधी परिवार का समर्थन किया है। एनडीटीवी से विशेष बातचीत में चिदंबरम ने कहा कि हार के लिए सिर्फ गांधी परिवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता। उन्होंने इस दौरान G-23 यानी कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं से पार्टी को विभाजित नहीं करने की अपील भी की।
राहुल से मिले हुड्डा, फिर आजाद के घर पहुंचे
G-23 मेंबर भूपिंदर सिंह हुड्डा गुरुवार को राहुल गांधी से मिले। नई दिल्ली के 12 तुगलक लेन पर यह मुलाकात करीब 2 घंटे तक चली। मुलाकात के बाद हुड्डा बाहर निकले, लेकिन पत्रकारों के किसी सवाल का जवाब नहीं दिया। इसके बाद हुड्डा गुलाम नबी आजाद के घर पहुंचे।बुधवार को पांच राज्यों में करारी हार के बाद गुलाम नबी आजाद के घर पर बुधवार रात कांग्रेस के G-23 नेताओं की मीटिंग हुई थी। बैठक में शामिल होने पहुंचे पूर्व कांग्रेसी शंकर सिंह वाघेला ने कहा कि प्रियंका गांधी की वजह से कांग्रेस की यूपी में हार हुई है। वहीं बैठक के बाद नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी किया था।
हाईकमान ने आजाद को मिलने बुलाया
दूसरी तरफ, न्यूज एजेंसी ने खबर दी है कि गुलाम नबी आजाद पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से गुरुवार को ही उनके आवास 10 जनपथ पर मुलाकात करेंगे। उन्हें मुलाकात के लिए हाईकमान ने बुलाया है। इस दौरान वो G-23 नेताओं के प्रपोजल को उनके सामने पेश कर सकते हैं। बैठक में राहुल और प्रियंका के भी मौजूद रहने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि आजाद से मुलाकात के बाद सोनिया गांधी कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक दोबारा बुला सकती हैं।G-23 ग्रुप के प्रमुख सदस्य कपिल सिब्बल ने एक इंटरव्यू में कहा था कि गांधी परिवार को कांग्रेस नेतृत्व छोड़ देना चाहिए और किसी अन्य नेता को जिम्मेदारी सौंपनी चाहिए। मीटिंग के बाद एक बयान में कहा गया था – भाजपा को 2024 में चुनौती देने के लिए एक मजबूत विकल्प की जरूरत है। कांग्रेस हाईकमान सामान्य विचारधारा वाले दलों से बात करे। लेटर पर गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और विवेक तन्खा समेत 18 असंतुष्ट नेताओं ने साइन किए हैं।