हाल में हुए चुनाव में भाजपा की जीत का श्रेय नरेंद्र मोदी द्वारा निर्मित सबसे शक्तिशाली राजनीतिक मशीन को दिया जा रहा है लेकिन यूपी में प्रचार पर नजर रखते समय मेरा ध्यान इस बात ने खींचा की जीतने की जीत के सिंदूर मोदी सहयोगी में थी वैसी उनके अधिकतर प्रतिनिधियों और विशेषकर कांग्रेसमें नहीं दिखलाई थी एक तरफ कड़ी मेहनत करने वाले सेल्फमेड राजनीतिक उद्यमी थे तो दूसरी तरफ एक पार्टी की पांचवीं पीढ़ी के नेता जो राज महलों से आए हैं साथ में दार्शनिक विवेचन में तल्लीन रहते हैं जिनकी चिंताओं के बीच में उदारवादी हैं और जो डे मनाने विदेश जाते हैं