मेरे क्षेत्र की जनता के तन पर कपड़े नहीं तो मैं कैसे पहनूं , कांग्रेस के विधायक ने विधानसभा में फाड़ा खुद का कुर्ता

मध्‍यप्रदेश की विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने के दूसरे दिन श्‍योपुुर के विधायक बाबू जंडेल ने विरोध दर्ज कराते हुए विधानसभा में खुद के कपडे फाड कर जनता के हित में अपना विरोध प्रदर्शन किया क्‍योकि बाढ पीड़ितों को तत्काल सहायता न मिल पाने की वजह से नाराज श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल ने विधानसभा परिसर में अपना कुर्ता फाड़ लिया। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। जंडेल ने कहा कि बाढ़ से श्योपुर क्षेत्र में बड़ा नुकसान हुआ है। विधायक ने कहा- मेरे क्षेत्र के लोगों के पास पहनने के लिए कपड़े नहीं है। मैं कपड़े कैसे पहन सकता हूं? यह कहते हुए उन्होंने अपना कुर्ता फाड़ लिया।

श्‍योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल

विधायक ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ हवाई दौरे किए। राहत के नाम पर बाढ़ पीड़ितों को शासन से कोई मदद नहीं मिली है। उन्होंने विधानसभा परिसर में मीडिया के सामने बाढ़ पीडि़तों का दर्द बयां करते हुए अपना कुर्ता फाड़ लिया। विधायक जंडेल के आरोपों पर प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि कांग्रेसी कार्यकर्ता सत्ता जाने के बाद से ही बौखलाए हुए हैं। वे तड़प रहे हैं, जनता को भ्रमित करने के लिए नौटंकी करने लगे हैं।

प्रशासन ने नेट बंद कर दिया
विधायक ने कहा कि मौसम विभाग ने बारिश का अलर्ट जारी कर दिया था। एक अगस्त को बाढ़ आनी शुरू हो गई। नदियां उफान पर आ गई, लेकिन प्रशासन ने इंटरनेट बंद कर दिया। कोई सूचना नहीं दी। रेड अलर्ट नहीं किया गया। इसकी वजह से करोड़ों का नुकसान हुआ है। लोगों के मकान बह गए। आदमी मरने की स्थिति में हैं।

कृषि मंत्री ने कहा- पहली बार किसी ने अर्धनग्न प्रदर्शन किया, शिकायत करेंगे
कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा कि विधानसभा के इतिहास में संभवतः ऐसा पहली बार हुआ होगा कि जब कोई विधानसभा का माननीय सदस्य ऐसा अर्धनग्न हुआ। उन्होंने कहा कि वह विधायक द्वारा कपड़े फाड़ने के मामले की शिकायत करेंगे।

श्योपुर में बाढ़ से आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। लोगों के पास खाने -पीने की उचित व्यवस्था नहीं है। पिछले दिनों केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर भी क्षेत्रीय दौरे पर गए थे,जहां उन्हें स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ा था। इसके बाद सरकार ने कलेक्टर एसपी और जिला पंचायत सीईओ को तत्काल हटा दिया, लेकिन राहत के नाम पर अभी भी लोगों को कोई विशेष सहायता नहीं मिली है।

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