आबकारी विभाग ने भोपाल इंदौर और जबलपुर में 80 फ़ीसदी थे कि नहीं उठने के बाद शराब दुकानों का आकस्मिक निरीक्षण शुरू करने के साथ ही बिक्री रुकवा दी इसके विरोध में ठेकेदार जांच के बहाने शराब नहीं बिकने देने का आरोप लगाकर सड़कों पर उतर गए हैं भोपाल में शराब ठेकेदार शिवहरे ग्रुप और उससे जुड़े ठेकेदारों के पास है ग्रुप के के पी सिंह और ऋषि शर्मा ने कहा कि रेगुलर चेकअप के नाम पर दुकानें बंद करवाई गई है भोपाल की 92 दुकानें बंद होने से 5 करोड़ का घाटा हुआ है सरकार ने नई नीति में मार्जिन घटा दिया एक्साइज ड्यूटी बढ़ा दी अब आपकारी विभाग महंगे दुकान लेने के लिए दबाव बना रहा है इधर आपकारी आयुक्त राजीव चंद्र दुबे का कहना है कि आपका रेवा को जांच करने का अधिकार है इसमें आपत्तिजनक क्या है अगर किसी को दुकान चलाने में रिस्क है तो टेंडर में भाग नहीं ले किसी पर हम दबाव कैसे बना सकते हैं भोपाल में शुक्रवार को विरोध में दुकानें बंद रखने के बाद शाम 4:00 बजे दुकान खोल दी गई थी