विंध्य प्रदेश राज्य की घोषणा की जाये
विंध्य प्रदेश रीवा के मूल निवासी निगम मण्डल सहकारी संस्थाओं के वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं भारतीय मानवाधिकार पार्टी मध्यप्रदेश के अध्यक्ष अरुण वर्मा ने विंध्य प्रदेश राज्य की घोषणा करने की माँग का पूर्ण समर्थन किया है श्री वर्मा ने बताया की मध्यप्रदेश राज्य बनने के पहले विंध्य प्रदेश एक अलग राज्य था जिसके प्रथम मुख्यमन्त्री स्वर्गीय शंभूनाथ शुक्ला थे जबसे विंध्य प्रदेश को मध्य प्रदेश विलय किया गया तभी से विंध्य प्रदेश का विकास नही हो पी रहा है विंध्य प्रदेश अलग राज्य बनाने के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह जी एवं पूर्व विधान सभा अध्यक्ष श्रीयुत श्रीनिवास तिवारी जी प्रबल समर्थक थे इनके जाने के बाद विंध्य प्रदेश राज्य की माँग थम सी गई थी लेकिन विंध्य प्रदेश राज्य के सजग प्रहरी मान्य.विधायक श्री नारायण त्रिपाठी जी द्वारा अलग विंध्य प्रदेश राज्य के गठन की माँग पूरी तरह से न्यायोचित है जिसका मान्य. विधान सभा अध्यक्ष श्री गिरीश गौतम जी एवं मान्य.राज्य सभा सदस्य श्री राज मणि जी द्वारा समर्थन किया जाना मील का पत्थर साबित होगा साथ ही दूरगामी परिणाम आएगा
अतः निगम मण्डल वरिष्ठ कर्मचारी नेता एवं भारतीय मानवाधिकार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अरुण वर्मा ने विन्ध्य प्रदेश अलग राज्य की माँग का समर्थन करते हुए समस्त राजनीतिक पार्टी एवं समाजसेवियों अनुरोध किया है की सारे मतभेद भुलाकर विन्ध्य प्रदेश को अलग राज्य बनाने की माँग का पूर्ण समर्थन करते हुए इस माँग को जन जन तक पहुँचाए एवं जनआन्दोलन बनाए
ताकि विंध्य प्रदेश का सर्वांगीण विकास हो सकेऔर बेरोजगारों को रोजगार मिल सके रोजगार तलाशने के लिए कहीं नही जाना पडे़ ।
अरुण वर्मा
अध्यक्ष
भारतीय मानवाधिकार पार्टी