गोंडवाना लैंड न्यूज | लोनिया
नवंबर के महीने में लोनिया पंचायत के पास जंगल में बाघ ने तवा नदी के किनारे शिकार किया था और पिछले कुछ महीनों से लगातार उसी क्षेत्र से रेत का बड़े पैमाने पर अवैध कारोबार किया जा रहा है। हालत यह है कि इस पूरे मामले में सब कुछ जानते हुए भी वन विभाग के अधिकारी मौन नजर आते हैं। टाइगर कॉरिडोर के जंगल से नदी तक का रास्ता बना कर वहां पर ना सिर्फ ट्रैक्टर बल्कि जेसीबी मशीनें भी ले जाई जा रही है जिस वजह से मैं सिर्फ जंगल खराब हो रहे हैं बल्कि नदी पर भी इसका गंभीर असर हो रहा है।
अवैध उत्खनन करने वाले इतने बेखौफ हैं कि नदी में जेसीबी चलाकर ट्रैक्टर ट्राली ले जाने के लिए रास्ता बना रहे हैं और खुलेआम दिन में यह सब किया जा रहा है इससे यह प्रतीत होता है कि वन विभाग और खनिज विभाग के अधिकारियों ने भी इसे अपनी मौन स्वीकृति से दे रखी है। वहीं दूसरी तरफ देखने में आ रहा है कि सतपुड़ा मेलघाट टाइगर कॉरिडोर के आसपास वाले क्षेत्रों में पिछले कुछ महीनों में बाघों का मूवमेंट लगातार बढ़ा है ऐसे में इस तरह के अवैध उत्खनन ना सिर्फ नदियों को नुकसान पहुंचा रहे हैं बल्कि इनसे वन्य प्राणियों को भी खतरा है। देखना यह है कि वन विभाग और खनिज विभाग किस तरह से इस मामले में कार्यवाही करके नदी में हो रहे अवैध उत्खनन को रोक पाते हैं या फिर पहले की तरह मामले को रफा-दफा करने का प्रयास करेंगे। वहीं तवा नदी में रेत घाट के आसपास वाले क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रेत निकालने के निशान मौजूद हैं और अभी भी लगातार वहां से अवैध उत्खनन किया जा रहा है।