डाकलिया परिवार छत्तीसगढ़ के लिए एक पहचाना हुआ नाम है। दवा का कारोबार करने वाले इस परिवार ने 30 करोड़ रु. की संपत्ति दान कर दीक्षा ले ली है। आराम का जीवन त्यागकर परिवार संयम के पथ पर चल पड़ा है। डाकलिया परिवार के 5 सदस्यों ने गुरुवार को एक साथ दीक्षा ली। एक सदस्य की दीक्षा स्वास्थ्यगत कारणों से नहीं हो सकी, जो 5 फरवरी को दीक्षा लेंगी। परिवार के मुखिया मुमुक्षु भूपेंद्र डाकलिया ने बताया… ‘हमारा परिवार 2011 में रायपुर के कैवल्यधाम गया था। तभी सबसे छोटे बच्चे हर्षित के मन में दीक्षा का भाव जागा। तब हर्षित की उम्र 6 साल थी। इसके बाद चारों बच्चों में धीरे-धीरे दीक्षा का भाव पैदा हुआ। दस साल बाद जब सभी परिपक्व हो गए तो भी उनके मन का भाव नहीं बदला और दीक्षा की राह में चलने का फैसला अडिग रहा।’