वीडियो गेम कैसे बच्चों का मानसिक संतुलन बिगाड़ रहे हैं और उन्हें किस हद तक उग्र बना रहे हैं, इसका सबसे सटीक उदाहरण बुधवार को भोपाल में मिला। यहां शंकराचार्य नगर में 5वीं कक्षा के एक छात्र ने दोपहर में घर की छत पर लगी रॉड में रस्सी का फंदा बनाकर फांसी लगा ली। छात्र फ्री फायर गेम खेलने का शौकीन था। टीआई उमेश यादव ने बताया कि 11 वर्षीय सूर्यांश ओझा को बुधवार दोपहर करीब तीन बजे परिवार ने फंदे पर लटका देखा था। परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। बच्चे के पिता योगेश की ऑप्टिकल्स शॉप है। पुलिस को कोई सुसाइड नोट नहीं मिला। परिवार ने पुलिस को बताया है कि सूर्यांश फ्री फायर गेम खेलता था। इसके लिए कभी वह मां तो कभी दादा के फोन का इस्तेमाल करता था। फोन लेने के बाद वह गेम डाउनलोड करता था और खेलने के बाद उसे डिलीट भी कर देता था। पुलिस ने उसका फोन जब्त कर लिया है। इससे ये पता लगाया जाएगा कि सूर्यांश आखिरी बार किसके साथ ऑनलाइन गेम खेल रहा था और किस स्टेज पर था।
ऑनलाइन मंगवाई थी गेमिंग ड्रेस
बच्चे के माता-पिता का कहना है कि बच्चा मोबाइल में फ्री फायर गेम खेलने का आदी था। मोबाइल के साथ-साथ वह टीवी में भी गेम खेलता था। बच्चा ऑनलाइन गेम का इतना शौकीन था कि उसने गेम फाइटर की ड्रेस भी ऑनलाइन मंगवा ली थी। जब कभी टीवी देखता था, वह गेम वाले सीरियल ही देखता था। परिजन उसे गेम खेलने के लिए मना भी करते थे। बावजूद इसके वह गेम में अधिक समय बिताता था।
पहले भी की आत्महत्या की कोशिश।
गले में रस्सी बांधकर मां से कहा था- देखो, ऐसे लगाई जाती है फांसी
करीब तीन महीने पहले सूर्यांश फांसी लगाने की तैयारी कर रहा था। उसने गेम खेलने के बाद गले में रस्सी बांधकर मां से कहा था कि ऐसे फांसी लगाई जाती है। तब मां ने उसे पहले उसे काफी डांटा, फिर ऐसा कभी न करने की सलाह देते हुए प्यार से समझाया भी था।