एक तरफ मोदी सरकार तेजी से सरकारी पंजीकरण कर रही है और उसके फायदे बता रही है वहीं दूसरी तरफ मोदी सरकार के मंत्री ने भी चिंता जताई है कि इससे नौकरियां घटेगी ऐसे में केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्यमंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने आदिवासी अधिकारों की बात की है उन्होंने प्राइवेट सेक्टर में आरक्षण दिए जाने की वकालत की है और साथ ही समाज को आंदोलन की सलाह दी है उन्होंने कहा है कि जमीन के अधिग्रहण से लेकर आरक्षण नीति तक पर गंभीरता से विचार करना होगा फग्गन सिंह कुलस्ते ने कहा मौजूदा समय में अगर किसी सरकारी कंपनी मैं वैकेसी निकलती है तो आपको देखता होगा कि उसमें कई पोस्ट कुछ विशेष वर्ग के लोगों के लिए आरक्षित रहती है वहीं निजी करण के बाद कंपनियां जाति वर्ग या आरक्षण के हिसाब से भर्तियां नहीं करेगी ऐसे में दबे-कुचले वर्ग को आगे बढ़ाने के लिए सहारा नहीं मिल पाएगा इसी वजह से कुलस्ते जा रहे हैं कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण मिलना चाहिए मोदी सरकार की तरफ से कई कंपनियों का निजीकरण किया जा चुका है।