जनजाति लोक कला एवं गोली विकास अकादमी मृत संस्कृति परिषद की ओर से तीन दिवसीय शोध संगोष्ठी विमुक्त तथा घुमन्तू जातियों की शिल्प और कला परंपरा विषय पर आयोजित की जा रही है संगोष्ठी 25 से 27 दिसंबर 2021 तक जनजातीय संग्रहालय के सभागार में आयोजित की जाएगी अकादमी निदेशक डॉ धर्मेंद्र पारे ने बताया कि अकादमी द्वारा पिछले वर्ग से विमुक्त तथा घुमन्तू जातियों की संस्कृति वाचिक परंपरा शिल्प और कला कौशल पर केंद्रीय विविध संयोजन किए हैं यह तृतीय संगोष्ठी शिल्प और कला परंपरा पर एकाग्र है विमुक्त तथा घुमंत जातियों में 64 वाहा और अभ्यांतर कलाऊ 14 विद्याओं की व्याप्ति मिलती है।
शोध पत्रों का वाचन एवं पत्रों का होगा प्रस्तुतीकरण
3 दिवसीय संगोष्ठी के पहले दिन 25 दिसंबर को प्राचीन वाड्मय मैं शिल्प एवं कला विषय पर शोधार्थियों एवं अध्येताओ द्वारा शोध पत्रों का एवं वाचन एवं पत्रों का प्रस्तुतीकरण किया जाएगा इस सत्र की अध्यक्षता डॉ श्यामसुंदर दुबे करेंगे मुख्य वक्ता डॉ बीमा ठाकुर नई दिल्ली एवं संचालक शुभम चौहान करेंगे।
शिल्प एवं कला सर्जना के साधन पर सत्र
दूसरे दिन 26 दिसंबर को सेल्फ एवं कला सर्जना के साधन विषय पर सुबह 10:30 बजे से सत्र प्रारंभ होगा सत्र की अध्यक्षता बृजेंद्र कुमार सिंहल करेंगे संचालन राहुल सिंह परिहार एवं मुख्य वक्ता डॉ गणपत इंद्र सिंह राठौर अंबा जोई अपने विचार व्यक्त करेंगे।