भोपाल, आयातित तेल के दाम कम होने के कारण देश भर के तेल तिलहन बाजारों में शनिवार को सरसों और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट रही जबकि कम भाव में बिकवाली नहीं किए जाने से सोयाबीन दाना एवं लूट के भाव में सुधार आया सामान्य कारोबार के बीच सोयाबीन तेलय सीपीओ पामोलिन सहित बाकी सभी तेल तिलहन के भाव पूर्व स्तर पर बंद हुए बाजार सूत्रों ने कहा कि महाराष्ट्र के धुरियां मैं प्लांट वाले सोयाबीन दाना 6625-6650 रुपए क्विंटल के भाव पर खरीद रहे हैं जिससे सोयाबीन दाना एवं लूट के भाव में सुधार आया।
मिल बालों को सोयाबीन का कारोबार वेपड़ता बैठता है और बाजार में भावपुर पेराई की लागत से कहीं सस्ता होने से मिलो को पेराई के बाद तेल सस्ते में बेचने को बाध्य होना पड़ता है यानी मिल वालों संयंत्रों आशा है तो सभी को भारी नुकसान उठाना पढ़ रहा है सूत्रों ने कहा कि सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा कि अपनी खाद तेल जरूरतों के लिए 65% आयात पर निर्भर देश के व्यापारियों और आयातकों को बे पड़ता भाव पर तेलों की बिक्री क्यों करनी पढ़ रही है उन्होंने लागत से कम भाव पर बिक्री करने की बाध्यता पर गौर करने का सरकार से अनुरोध किया उन्होंने कहा कि मील वालों को विदेशों से आयात करने पर सीपीओ मुनाफा जोड़कर ₹111 प्रति किलो का भाव पड़ता है जबकि बाजार में इसका भाव ₹108 प्रति किलो है पामोलिन के मामले में भी यही स्थिति हे जहां लागत के मुकाबले बाजार भाव 4-5 ₹ प्रति किलो अधिक है ऐसी स्थिति मे आयातक बदहाल है उन्होंने बताया की बेपड़ता कारोबार की वजह से कपास की 50 प्रतिशत तेल मिले बंद हो चुकी है बिनोला के दाने को ऊंचे भाव पर खरीदना पड़ता है जबकि बिनौला तेल और खल का भाव बाजार में सस्ता है सूत्रों के अनुसार तेल आयातक रोज की मंदा और तेजी से परेशान हे दूसरा बेपड़ता कारोबार की मजबूती उन्हें परेशान किए हुए हैं इसे आयातकों द्वारा कारोबार के लिए बैंकों से लिए कर्ज के डूबने का खतरा बढ़ता जा रहा है जो बैंकों में अपनी शरण लिमिट घुमाने के लिए बे पड़ता कारोबार का सहारा ले रहे हैं कुछ समय पूर्व स्टॉक लिमिट लागू होने की चर्चाओं के बीच व्यापारियों तेल मिलो और किसानों ने सरसों के अपने सारे स्टाफ को खाली कर दिया था इस वजह से सरसों तेल तिलहन के भाव में गिरावट देखी गई।