जिले के 7 गांव के 65 से आदिवासी महिला–पुरुषों को महाराष्ट्र और कर्नाटक के सीमावर्ती इलाकों में बंधुआ मजदूर बनाकर काम कराया जा रहा है 1 महीने से ज्यादा समय से यह वहां है उन्हें एक स्थानीीय मजदूर ठेकेदार के माध्यम से वहां ले जाया गया पहले 400 रुपए प्रतिदिन मजदूरी बताए। लेकिन वहां पहुंचने पर किसी को मजदूरी नहीं दी। पूरे समय गन्ना कटाई का काम कराया जाता है। खाने के लिए भी पर्याप्त नहीं दिया जा रहा रात के समय कमरों में कैद रखा जाता है। और बाहर निकलने की कोशिश पर धमकी दी जाती है। इनमें से एक मजदूर ने चुपके से रिकॉर्डिंग कर घर वालों को भेज दी इसके बाद गांव के लोग कलेक्टर से मिले कलेक्टर ने एक टीम रवाना कि उनके साथ गांव के लोग भी है पुलिस को भी सूचना दी गई।