आदिवासियों के लिए जनगणना में अलग कोड की मांग के मध्य “जनजातीय गौरव दिवस” की राष्ट्रवादी हिंदू राजनीति और बिरसा मुंडा का उपनिवेशवाद विरोधी ऐतिहासिक संघर्ष पर दिनांक 14 नवंबर को एक विशेष आयोजन झारखंडी सांस्कृतिक अखड़ा द्वारा किया गया।

आदिवासियों के लिए जनगणना में अलग कोड की मांग के मध्य “जनजातीय गौरव दिवस” की राष्ट्रवादी हिंदू राजनीति और बिरसा मुंडा का उपनिवेशवाद विरोधी ऐतिहासिक संघर्ष पर दिनांक 14 नवंबर को एक विशेष आयोजन झारखंडी सांस्कृतिक अखड़ा द्वारा किया गया। सूत्रधार की भूमिका में आदिवासी साहित्य, संस्कृति और इतिहास के जानकर अश्विनी कुमार पंकज थे। जवाहर नेहरू विश्वविद्यालय के गंगा सहाय मीणा के साथ ही भोपाल के अधिवक्ता और आदिवासी विषयों के जानकर मनीष भट्ट ने भी इस आयोजन में शिरकत की। प्रस्तुत है इस आयोजन की रिकॉर्डिंग।

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