मंत्री का दावा- 04 की ही मौत, जबकि अब तक 09 शव आए सामने, मानव अधिकार आयोग ने मांगी सरकार से जानकारी

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के हमीदिया हॉस्पिटल परिसर में स्थित गैस राहत के कमला नेहरू अस्पताल में 24 घंटे से 9 माह के बच्चे भर्ती थे दिनांक 8 11 2021 को रात्रि लगभग 8:45 पर शॉर्ट सर्किट होने से पीडियाट्रिक वेंटिलेटर में आग लग जाने से करीब 7 से ज्यादा बच्चों की मौत हो चुकी है बताया जाता है कि इस आग लगने की वजह शॉर्ट सर्किट होना है उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व भी हमीदिया अस्पताल में अग्नि कांड हो चुका है सूत्र बताते हैं कि हमीदिया अस्पताल प्रबंधन द्वारा कोई भी ऐसी सुरक्षा व्यवस्था नहीं की गई है जिससे मरीजों को बचाया जा सके इसके बावजूद भी अस्पताल में आग बुझाने के लिए लगे हाइड्रेंट बंद पड़े थे लगभग 15 सालों से अस्पताल प्रबंधन ने फायर एनओसी लेने की हिमाकत भी नहीं की जिसकी वजह से यह हादसा हुआ जिस वार्ड में यह हादसा हुआ है उस वार्ड में 40 बच्चे थे सरकार ने इस मामले को शांत करने के लिए मृत बच्चों के परिवार को 400000 देने की घोषणा की है अभी भी लगभग 30 बच्चे गंभीर अवस्था में हैं जिसकी जांच का जिम्मा मोहम्मद सुलेमान को सौंपा गया है

इस हादसे के खिलाफ मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कैंडल मार्च कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ निकालकर प्रदर्शन किया है उन्होंने कहा कि सरकार निर्दोष बच्चों की मृत्यु के बाद ही आंकड़ों को छुपा रही है यह उनकी आंकड़ों की बाजीगरी बिल्कुल नहीं चलेगी हम इस घटना की घोर निंदा करते हैं और सरकार से अपेक्षा रखते हैं की इस घटना की निष्पक्षता पूर्ण जांच कराएं तथा पीड़ितों को उचित मुआवजा और गंभीर घायल बच्चों का गंभीरता से इलाज कराएं।

मंत्री का दावा- 4 की ही मौत, जबकि अब तक 10 शव आए सामने, मानव अधिकार आयोग ने मांगी सरकार से जानकारी |

सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि बच्चों की मौत का आंकड़ा और भी बढ़ सकता है जिस पर सरकार गंभीर नहीं है वह स्वयं की बचाने के लिए पीड़ितों को मुआवजा देकर मरहम लगा रही है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी क्योंकि 15 नवंबर को राजधानी भोपाल में आने वाले हैं इससे पूर्व घटित यह घटना एक चिंता का विषय जहां है वहां सरकार को भी मुसीबत में डाल रही है अभी तक हमीदिया अस्पताल परिसर में लगभग 2 माह के अंदर चार घटनाएं बड़े रूप में घटित हो चुकी हैं इसके बाद भी ना संबंधित विभाग के मंत्री और अधिकारी गंभीर हैं और ना ही सरकार जबकि मध्य प्रदेश की सरकार प्रतिदिन बड़े-बड़े दावे हर योजना को लेकर कर रहे हैं जो शक पैदा करता है?

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