ब्यूरो चीफ | विजय काटकर
भोपाल | देश में चल रही राजनीतिक उठापटक अब अपने चरम पर पहुंच रही है भारतीय जनता पार्टी ने पश्चिम बंगाल में पूर्व में हुए चुनाव में ममता बनर्जी पर हमला किया था बंगालियों से पंगा लेने के बाद उसे हार का मुंह देखना पड़ा वही इससे पूर्व महाराष्ट्र में बनने वाली शिवसेना के साथ भारतीय जनता पार्टी की सरकार नहीं बन पाई भारतीय जनता पार्टी सरकार बनाने के लिए राष्ट्रवादी कांग्रेस के अजित पवार से विधायकों को छोड़कर गठजोड़ सरकार बनाना चाह रही थी लेकिन अजित पवार की जांच की फाइल केंद्र सरकार के पास होने का वास्ता देकर उन्हें दबाव में लिया गया इसके उपरांत अजित पवार और भारतीय जनता पार्टी के बीच में चर्चा और समझौता हुआ लेकिन जांच की फाइल को भारतीय जनता पार्टी सरकार ने दबा दिया इसके बाद अजित पवार अपने चाचा शरद पवार के कहने पर वापिस राष्ट्रवादी कांग्रेस में आ गए महाराष्ट्र में शिवसेना राष्ट्रवादी कांग्रेस कांग्रेसी विधायकों को मिलाकर सरकार का गठन हुआ इसी बात से नाराज केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने अजित पवार और राष्ट्रवादी कांग्रेस के गृह मंत्री रहे अनिल देशमुख के ऊपर वसूली का आरोप लगाकर कार्रवाई करते हुए उनको गिरफ्तार जहां किया है वहीं अजीत पवार की 14 सौ करोड़ से ज्यादा की प्रॉपर्टी पर राजसात करने की कार्रवाई चल रही है विद्युत की भावना को लेकर केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार मोदी के नेतृत्व में चल रही है लेकिन भविष्य में देखना यह होगा भारतीय जनता पार्टी किस मुकाम पर रहती है और देश में रहने वाले लोग किस मुकाम पर रहते हैं इस राजनीतिक द्वेष की भावना को आने वाले समय में जो चिंगारी मिलने वाली है वह बहुत ही क्रांतिकारी होगी ऐसा मेरा मानना है नफरत की राजनीति देश में कभी चली ना चल पाएगी क्योंकि जब अपना दामन दागदार हो तो दूसरे के सफेदी पर कीचड़ नहीं फेंकना चाहिए?
मनी लांड्रिंग केस में महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख को मंगलवार को प्रवर्तन निदेशालय ने अदालत मैं पेश किया।
ईडी की तरफ से कोर्ट में अनिल देशमुख की 14 दिन की रिमांड मांगी गई। कोर्ट ने अनिल देशमुख को 6 नवंबर तक ईडी की स्टडी दी है