मरीज को आजीवन दवा खाना पड़ेगी और जीवन भर वह ठीक रह सकता है। अब हमारा विज्ञान इतना विकसित हो चुका है कि इस बीमारी के साथ भी लोग लंबी जिंदगी जी रही है। सामान्य संतानों को जन्म दे रहे है। इसकी चर्चा से हमें भागना नहीं चाहिए। बच्चों को इस बीमारी के लिए एज्यूकेट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि एड्स के साथ जो लोग जी रहे है, उनकी स्थित को समझे और उनके प्रति संवेदनशील रहे और उनके अधिकारों का हनन न हो, इस बात का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। एड्स की लंबी लड़ाई समाज ने और देश ने लड़ी है।