नई दिल्ली: पिछले कुछ सालों में स्टॉक मार्केट में पैसा लगाने वाले लोगों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। इसका बड़ा कारण ट्रेडिंग ऐप्स के जरिए लोगों तक शेयर मार्केट की जानकारी आसानी से उपलब्ध होना है। आजकल सोशल मीडिया ऐप्स (वट्सऐप, टेलीग्राम, फेसबुक, इंस्टाग्राम) पर कई ऐसे ग्रुप या विज्ञापन देखने को मिल जाएंगे, जो आसानी से शेयर मार्केट से पैसे कमाने का दावा करते हैं।डिजिटल अरेस्ट’ की तरह ट्रेडिंग स्कैम के फैलते मकड़जाल का AI (आर्टिफिशल इंटेलिजेंस) की मदद से कैसे बुना जाता है
– दो हफ्ते पहले यूपी पुलिस में चर्चित आईजी रहे आईपीएस डीके पांडा का दावा है उन्हें ऑनलाइन ट्रेडिंग में 381 करोड़ कमाये थे, जो ठगों ने उड़ा दिए हैं। उन्होंने स्कैम की एनआईए और सीबीआई से जांच कराने की मांग भी कर दी।
– तमिलनाडु के कोट्टूरपुरम में एक कारोबारी की पत्नी ने ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग ऐप डाउनलोड किया। भरोसा करके 10,27,06,364 रुपये इनवेस्ट किए। जालसाजों ने ऐप पर वर्चुअल अकाउंट पर मुनाफा दिखाया, लेकिन मुनाफे की रकम उसके असली बैंक अकाउंट में नहीं दिखी।
मुंबई की एक महिला IAS अफसर को निवेश करने पर हाई रिटर्न दिलाने का झांसा देकर करीब एक करोड़ की ठगी हो गई। जालसाज ने अपने आप को शेयर बाजार का इंटरनैशनल एक्सपर्ट बताया था। पिछले हफ्ते दिल्ली में इस बाबत एफआईआर दर्ज हुई।