भारत संग डील कर घर में घिरी जिनपिंग सरकार, 

चीन और भारत ने बताया है कि वह पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गश्त और सैनिकों की वापसी के मुद्दे पर एक समझौते पर पहुंच गए हैं। इसकी भारत के साथ-साथ चीन में भी चर्चा है। चीनी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म वीबो पर एक यूजर की उस पोस्ट पर 46 मिलियन से ज्यादा हिट मिले हैं, जिसमें बीजिंग के नई दिल्ली के साथ सीमा पर समझौते की जानकारी दी गई थी। इस पोस्ट में सवाल किया गया है कि इस डील में चीन को क्या मिला है। चीनी सोशल मीडिया में भारत विरोधी ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि चीन ने बड़ा दिल दिखाकर ये समझौता किया है। इसके बावजूद यूजर्स पूछ रहे हैं कि भारत की मांग मानकर आखिर चीनी सरकार ने डील से क्या हासिल किया है।

 शेनमे ने आगे लिखा, 'चीन की ओर से दी गई रियायत को देखते हुए इसका ध्यान रखना चाहिए कि यह क्यों किया गया और बदले में क्या हासिल हुआ। कुछ लोगों का कहना है कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि 'पूर्वी कमान' में भारतीय सेना ने गश्त के अधिकार दिए थे। कुछ को लगता है कि यह ब्रिक्स के लिए है। कई लोग ये भी मानते हैं कि ऐसा भारत को अमेरिका के बहुत करीब जाने से रोकने के लिए किया गया।'चीन को भारत के सामने झुकता हुआ नहीं दिखाना चाहते हैं। चीन शायद यह धारणा देने की कोशिश कर रहा है कि बड़ी शक्ति के रूप में उसने भारत के प्रति सद्भावना दिखाई है। चीन इसका कुछ बदला भी आने वाले वक्त में भारत से चाह सकता है।'मेरा मानना है कि लोग बॉर्डर क्षेत्र की पृष्ठभूमि और वास्तविकता को नहीं जानते हैं। सरल शब्दों में कहें तो पिछले चार वर्षों से भारत ने एकतरफा शर्तें रखी हैं, जिसके तहत दोनों देशों के बीच सामान्य स्थिति में लौटने के लिए चीन को इस क्षेत्र से हटना होगा। हमारे देश लगातार इनकार किया है, लेकिन अब हम भारत की मांगों पर काफी हद तक सहमत हो गए हैं।'

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