इस सम्मान समारोह में भारतीय नौसेना अध्यक्ष एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने कहा कि मध्यप्रदेश का वीरता और साहस का इतिहास बेहद समृद्ध है। राज्य ने देश को 3 अशोक चक्र, 5 महावीर चक्र और 23 वीर चक्र जैसे महत्वपूर्ण पुरस्कार दिए हैं। पिछले 25 वर्षों में 100 से अधिक सैनिकों ने अपना सर्वस्व भारत मां के चरणों में न्यौछावर कर दिया। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भूतपूर्व सैनिकों के योगदान की सराहना की और कहा कि जो सेना अपने भूतपूर्व सैनिकों का सम्मान नहीं करती, वह कभी युद्ध नहीं जीत सकती। सुदर्शन चक्र कोर कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल प्रीतपाल सिंह ने मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सकारात्मक सोच और सैनिक कल्याण के प्रति उनके समर्पण की प्रशंसा की।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देशभर में सशस्त्र बलों और सैनिकों के सम्मान और कल्याण में बढ़ोतरी हुई है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव रविवार को 3-ईएमई में भूतपूर्व सैनिकों के सम्मान कार्यक्रम और रैली में शामिल हुए। कार्यक्रम में 102 रेजीमेंट इंजीनियर के जवानों ने सिख संप्रदाय की युद्ध शैलियों का प्रदर्शन किया। जवानों के शौर्य और ऊर्जा से प्रभावित होकर मुख्यमंत्री मंच से उतर कर जवानों से मिले।
उन्होंने कहा कि सेना को अत्याधुनिक हथियारों और नवीनतम तकनीक से लैस किया जा रहा है, जिससे देश की रक्षा और सैन्य क्षमताओं में व्यापक सुधार हुआ है। प्रधानमंत्री ने भारत की सेना को स्वदेशी लड़ाकू विमानों और हथियारों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करते हुए विदेशी हथियारों पर निर्भरता को कम किया है। मध्यप्रदेश सरकार द्वितीय विश्व युद्ध के सैनिकों और उनकी पत्नियों की पेंशन को बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रतिमाह कर चुकी है, जो पूरे देश में सबसे अधिक है। इसके अलावा, प्रदेश सरकार सम्मान निधि के तहत ऐसे माता-पिता, जिनकी पुत्री सेना में सेवा दे रही है, उन्हें 20 हजार रुपये प्रतिवर्ष दे रही है। विभिन्न शौर्य और विशिष्ट सेवा अलंकरणों से सम्मानित सैनिकों को राज्य द्वारा सम्मान राशि प्रदान की जाती है।मध्यप्रदेश में पूर्व सैनिकों के बच्चों को मेडिकल, इंजीनियरिंग, लॉ और अन्य तकनीकी पाठ्यक्रमों में आरक्षण दिया जा रहा है। इसके साथ ही, सरकारी