पैराडाइम कमोडिटी एडवाइजर्स के संस्थापक बीरेन वकील के मुताबिक, अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन और चीन में ब्याज दरों में कटौती से बाजारों में उछाल आया है। इससे सोना, इक्विटी, और रियल एस्टेट समेत कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ा है। अमेरिका में 5 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव के नतीजे आएंगे, और 7 नवंबर को अमेरिकी केंद्रीय बैंक दूसरी बार ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। यदि डोनाल्ड ट्रंप जीतते हैं, तो अनिश्चितता बढ़ेगी, जिससे सोना और महंगा हो सकता है।केडिया एडवाइजरी के डायरेक्टर अजय केडिया के अनुसार, मौजूदा हालात को देखते हुए सोने की कीमतों में तेजी के रुकने के आसार कम हैं। ब्याज दरों में गिरावट और डॉलर की कमजोरी इसकी बड़ी वजह मानी जा रही है। भारत में भी सोने की डिमांड में भारी इजाफा हुआ है। 2018-19 से लेकर 2023-24 तक, देश में सोने का आयात 45% से ज्यादा बढ़ गया है। अनुमान है कि दिवाली से पहले सोने की कीमत 80,000 रुपए तक पहुंच सकती है, और जून 2025 तक यह 85,000 रुपए प्रति 10 ग्राम तक हो सकता है।आईबीजेए (इंडियन बुलियन ज्वैलर्स एसोसिएशन) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल सोने की कीमत में अब तक 14,164 रुपए का इजाफा हुआ है और पिछले 12 महीनों में 18,127 रुपए की वृद्धि देखी गई है। इसका मतलब है कि एक साल में गोल्ड का रिटर्न 30.6% रहा है, जबकि इसी अवधि में सेंसेक्स का रिटर्न 22.27% था।