बांग्लादेश ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर सख्त आपत्ति जताई है। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने सोमवार रात बयान जारी कर कहा कि अमित शाह ने बांग्लादेश के नागरिकों को लेकर जो दुर्भाग्यपूर्ण बयान दिया है उसका हम विरोध करते हैं। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने ढाका में भारतीय उच्चायुक्त को बुलाकर इसी मामले में विरोध पत्र भी दिया। बांग्लादेश ने इसे अत्यंत निंदनीय बताते हुए भारत से अपने नेताओं को ऐसे बयान देने से रोकने का आग्रह किया है।बांग्लादेश सरकार ने भारत से अपने नेताओं को इस तरह के आपत्तिजनक बयान देने से रोकने की बात कही है। ढाका ट्रिब्यून के अनुसार, विरोध पत्र में कहा गया है कि विदेश मंत्रालय ने अपनी गंभीर आपत्ति और बेहद नाराजगी व्यक्त की है। साथ ही भारत सरकार से राजनीतिक नेताओं को इस तरह की आपत्तिजनक और अस्वीकार्य टिप्पणी करने से बचने को कहा है। पत्र में आगे कहा गया है कि पड़ोसी देश के नागरिकों के खिलाफ जिम्मेदार पदों से आने वाली इस तरह की टिप्पणियां दो मित्र देशों के बीच आपसी सम्मान और समझ की भावना को कमजोर करती हैं।
बांग्लादेश सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के झारखंड में दिए गए बयान पर कड़ी आपत्ति जताई है। 20 सितंबर को झारखंड के एक रैली में अमित शाह ने कहा था कि बीजेपी सत्ता में आई तो हर बांग्लादेशी घुसपैठिए को उल्टा लटकाकर सबक सिखाएगी। अमित शाह ने कहा कि अगर घुसपैठ को रोका नहीं गया तो आगामी 25-30 साल में झारखंड में घुसपैठिए बहुमत में आ जाएंगे। राज्य में घुसपैठियों के लिए कोई जगह नहीं है। वे हमारी बेटियों से विवाह कर रहे हैं और जमीन कब्जा कर समृद्ध आदिवासी संस्कृति और विरासत को नष्ट कर रहे हैं। हम प्रत्येक को बाहर निकालेंगे, यहां कमल खिलने दीजिए।बांग्लादेश और भारत के संबंधों में कुछ समय में बदलाव देखने को मिला है। यह बदलाव वहां हुए तख्तापलट के बाद हुआ है। पिछले महीने ही हिंसा और विरोध के चलते बांग्लादेश की सत्ता छोड़कर शेख हसीना को भागना पड़ा। बांग्लादेश से आनन-फानन में निकलकर उन्हें भारत आना पड़ा। इसके बाद मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार बनी