जिला अध्यक्ष मनलाल साहू ने कहा कि प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में पिछले 16 वर्षों से अतिथि शिक्षक कम मानदेय में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। विद्यालयों को सुचारू रूप से संचालित करने और शिक्षण व्यवस्था को सही तरीके से चलाने में अतिथि शिक्षकों ने अपने जीवन का अमूल्य समय दिया है। पिछले 10 वर्षों से अतिथि शिक्षक अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने अतिथि शिक्षकों के हित में कोई उचित निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का बयान अपमानजनक है, जिससे प्रदेश के अतिथि शिक्षक काफी दुखी और हताश हैं। इस बयान पर शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो आंदोलन होगा। पिछले दो पंचवर्षीय चुनावों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने और विभागीय परीक्षा के माध्यम से उन्हें नियमित करने का आश्वासन भी महापंचायत के माध्यम से दिया गया था, लेकिन अब तक इस मांग को पूरा नहीं किया गया है। इस स्थिति से निराश अतिथि शिक्षक कई बार जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन, धरना, रैली और ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाने की कोशिश कर चुके हैं।