ज्ञापन देकर की माफी की मांग, नहीं तो होगा आंदोलन, ल शिक्षामंत्री के बयान पर भड़के अतिथि शिक्षक,

आप हमारे मेहमान बनकर आएंगे तो क्या घर पर कब्जा कर लेंगे’? शिक्षा मंत्री के इस बयान पर अतिथि शिक्षकों ने नाराजगी है। इसे लेकर उन्होंने भाजपा जिला अध्यक्ष रामदास पुरी को एक ज्ञापन सौंपा और मंत्री से माफी की मांग की। ऐसा नहीं करने पर उन्होंने आंदोलन की चेतावनी दी है। जिला अध्यक्ष मनलाल साहू ने कहा कि शिक्षा मंत्री के इस बयान के बाद प्रदेशभर के अतिथि शिक्षकों में भारी आक्रोश है। उनका बयान अशोभनीय और निंदनीय है, जिससे पूरा अतिथि शिक्षक वर्ग आहत है। यदि शिक्षा मंत्री अपने बयान पर माफी नहीं मांगते, तो आगामी 2 अक्टूबर को प्रदेश मुख्यालय समेत सभी जिलों में उनका पुतला दहन किया जाएगा। भाजपा जिला अध्यक्ष अनूपपुर को ज्ञापन सौंपते हुए अतिथि शिक्षकों ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो सभी शासकीय विद्यालयों में अध्यापन कार्य करने वाले अतिथि शिक्षक विद्यालयों का बहिष्कार करेंगे, जिसकी पूरी जिम्मेदारी शिक्षा विभाग और शासन-प्रशासन की होगी।

जिला अध्यक्ष मनलाल साहू ने कहा कि प्रदेश के शासकीय विद्यालयों में पिछले 16 वर्षों से अतिथि शिक्षक कम मानदेय में अपनी सेवाएं देते आ रहे हैं। विद्यालयों को सुचारू रूप से संचालित करने और शिक्षण व्यवस्था को सही तरीके से चलाने में अतिथि शिक्षकों ने अपने जीवन का अमूल्य समय दिया है। पिछले 10 वर्षों से अतिथि शिक्षक अपने भविष्य को सुरक्षित करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं, लेकिन आज तक सरकार ने अतिथि शिक्षकों के हित में कोई उचित निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप सिंह का बयान अपमानजनक है, जिससे प्रदेश के अतिथि शिक्षक काफी दुखी और हताश हैं। इस बयान पर शिक्षा मंत्री को माफी मांगनी चाहिए, नहीं तो आंदोलन होगा। पिछले दो पंचवर्षीय चुनावों के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा अतिथि शिक्षकों के भविष्य को सुरक्षित करने और विभागीय परीक्षा के माध्यम से उन्हें नियमित करने का आश्वासन भी महापंचायत के माध्यम से दिया गया था, लेकिन अब तक इस मांग को पूरा नहीं किया गया है। इस स्थिति से निराश अतिथि शिक्षक कई बार जिला और प्रदेश स्तर पर आंदोलन, धरना, रैली और ज्ञापन के माध्यम से सरकार तक अपनी मांगें पहुंचाने की कोशिश कर चुके हैं। 

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