विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर वैसे तो प्रतिदिन सुर्खियों में रहता है, चाहे वह वीआईपी श्रद्धालुओं द्वारा दर्शन करने की बात हो, भस्म आरती में ठगी या भगवान के श्रृंगार का मामला हो। लेकिन, आज हम आपको महाकाल मंदिर के एक कर्मचारी के बारे में बता रहे हैं, जो श्रद्धालुओं को न केवल ठीक से दर्शन कराते हैं, बल्कि बाबा महाकाल के प्रति अपने समर्पण को भी दिखाते हैं। कठिनाई के समय में वे श्रद्धालुओं की मदद भी करते हैं। विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में कर्मचारी हरीश राव ने कुछ ऐसे ही ईमानदारी का परिचय दिया। सोमवार को जयपुर निवासी अनीता त्रिपाठी और उनके पुत्र आर्यन त्रिपाठी प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था के तहत बाबा महाकाल के दर्शन करने पहुंचे थे। प्रोटोकॉल के अनुसार हरीश राव प्रोटोकॉल उन्हें दर्शन करवा रहे थे। लेकिन, सशुल्क दर्शन व्यवस्था के तहत दोनों श्रद्धालुओं की 250 रुपए प्रति व्यक्ति यानी कुल 500 रुपए की टिकट कटवानी थी। इस दौरान श्रद्धालु अनीता त्रिपाठी का UPI से पेमेंट नहीं हो रहा था और उनके पास नगद राशि भी नहीं थी।
इस स्थिति में कर्मचारी हरीश राव ने स्वयं पैसे देकर रसीद बनवाई और दोनों श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए। दर्शन के बाद भी जब UPI के द्वारा राशि ट्रांसफर नहीं हुई और श्रद्धालु ने रुपए देने में असमर्थता जताई तो हरीश राव ने यह राशि बाद में देने की बात कही और जय श्री महाकाल कहते हुए वहां से चले गए।