भोपाल: एमपी में 70 फीसदी से ज्यादा आबादी की आजीविका का साधन खेती है। यह हर दिन प्रदेश के 1 करोड़ से ज्यादा किसानों को दो वक्त की रोटी पहुंचाती है, साथ ही करोड़ों लोगों के भोजन की व्यवस्था भी यहीं से होती है। मध्य प्रदेश के किसानों द्वारा उगाया गया अन्न पूरा देश और दुनिया खाती है। एमपी के सीहोर का शरबती गेंहू पूरी दुनिया में फेमस है।किसान हर दिन इतनी मेहनत करते हैं इसीलिए केंद्र और राज्य सरकार समय समय पर उनके लिए योजनाएं लाती रहती है। अभी हम जिन योजनाओं पर बात करने वाले हैं, इनसे किसानों को 12000 रुपए सालाना मिल रहे हैं। राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं से उन्हें अच्छी खासी आर्थिक मदद मिल रही है।
बता दें, कि किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए सरकार ये कदम उठा रही है। एमपी की जमीन में उगने वाले अनाज की डिमांड देश विदेश में भी है। इसलिए किसानों का विकास सीधे तौर पर राज्य का विकास करेगा। इसके तहत किसानों को राज्य और केंद्र सरकार दोनों से ही सम्मानित कर रही हैं।ये दोनों योजनाएं हैं पीएम किसान सम्मान निधि योजना और सीएम किसान कल्याण योजना। अब समझिए 12 वाला गणित, तो एमपी में 80 लाख से ज़्यादा किसानों को इन योजनाओं का लाभ मिल रहा है। सम्मान निधि योजनाओं से हर किसान के बैंक खाते में सीधे ₹12,000 जा रहे हैं। इसमें ₹6,000 प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के और ₹6,000 मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना के हैं। इसके अलावा लगभग 25 लाख किसानों को फसल बीमा का पैसा मिल रहा है।