वहीं, कुछ फ्रेंचाइजी ने रिटेंशन संख्या को आठ तक बढ़ाने का अनुरोध किया है, जबकि कुछ एक भी खिलाड़ी को बनाए रखने के इच्छुक नहीं हैं। अंतिम रिटेंशन संख्या पांच या छह होने की संभावना है, लेकिन बीसीसीआई ने अभी इस मामले पर औपचारिक सूचना जारी नहीं की है। बीसीसीआई के सामने एक और मामला यह है कि कुछ फ्रेंचाइजी ने संन्यास ले चुके खिलाड़ियों को 'अनकैप्ड' के रूप में वर्गीकृत करने की मांग रखी है। इनमें सीएसके फ्रेंचाइजी भी शामिल है।हालांकि, रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि धोनी को रिटेन करना सीएसके के लिए सर्वोच्च प्राथमिकताओं में से एक है। बीसीसीआई अगर फ्रेंचाइजी को सिर्फ दो रिटेंशन की अनुमति भी देता है तो भी थाला को बरकरार रखा जाएगा। जहां तक अनकैप्ड खिलाड़ियों को रिटेन करने की लागत का सवाल है तो बीसीसीआई रिटेन किए गए खिलाड़ियों की संख्या के आधार पर फ्रेंचाइजी के पर्स से बैलेंस काटने पर विचार कर रहा है, न कि रिटेन किए गए खिलाड़ियों के पैसे को ध्यान में रखते हुए। इस तरह से फ्रेंचाइजी फैसला कर पाएंगी कि उन्हें रिटेन किए गए खिलाड़ियों को कितनी राशि दी जाए। ऐसे में धोनी को कैप्ड या अनकैप्ड खिलाड़ी के रूप में बनाए रखा जाता है तो जो भी पैसे उन्हें मिलेंगे वह उनका और सीएसके का फैसला होगा।