भोपाल। 21 सितंबर को ‘भारत बंद’ के दौरान छतरपुर में भड़की हिंसा और उपद्रवियों के मकान पर बुलडोजर की कार्रवाई करने के बाद इसे लेकर प्रदेश में सियासत शुरू हो गई है। मोहन सरकार के एक्शन के बाद राज्यसभा सांसद और विधायक ने कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
भोपाल मध्य विधायक आरिफ मसूद ने बिना नोटिस दिए घर और गाड़ियां तोड़ने वाले अफसरों पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि छतरपुर की कार्रवाई सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है। मध्य प्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है। कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्रवाई के लिए प्रावधान है।
विधायक ने सीएम को पत्र में लिखा, “निवेदन है कि दिनांक 21 अगस्त 2024 को छतरपुर सिटी कोतवाली में घटी घटना के बाद नाराज छतरपुर पुलिस ने स्थानीय प्रशासन के साथ मिल कर दिनांक 22 अगस्त 2024 को बिना नोटिस दिए लोगों के घरों पर बुलडोजर चलाकर जमीदोज कर दिए, जो कि सीधे-सीधे न्याय व्यवस्था के विपरीत है। विधायक ने आगे लिखा, “जिस तरह पुलिस प्रशासन ने कार्यवाही के दौरान घरों एवं वाहनों को जेसीबी और पोखलेन मशीनों से तोड़ा है जिसको देखकर साफ प्रतीत होता है कि मध्यप्रदेश में संविधान लगभग समाप्ति की ओर है यदि कोई अपराधी अपराध करता है तो उसके लिए न्याय व्यवस्था में कार्यवाही करने के लिए प्रावधान है। अतः मेरा आपसे आग्रह है कि उपरोक्तानुसार जिस तरह बगैर नोटिस दिए मकानों को तोड़ा गया है ऐसी कार्यवाही करने वाले अधिकारीयों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाए जिससे आमजन का विश्वास कानून प्रक्रिया पर बना रहे।”
20 करोड़ की कोठी कैसे बनी, इसकी भी पड़ताल की जाएगी: रामेश्वर शर्मा
कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद के पत्र पर रामेश्वर शर्मा ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि आरिफ मसूद आप अपने पत्र को जड़वा कर, मढ़वा कर रख लीजिए। हो सके तो राहुल अंकल को भी भेज दीजिए। आरिफ मसूद इस बात को समझें कि संविधान की रक्षा की जिम्मेदारी हम सब की है। जो कानून को नहीं मानेगा, संविधान का पालन नहीं करेगा, ऐसे लोग के खिलाफ मोहन यादव की सरकार ऐसी ही कार्रवाई करेगी। अपराधियों को बिरयानी खिलाने का काम कांग्रेस करती है, हम नहीं। गुंडागर्दी करने वाले, पत्थरबाजी करने वाले, आग लगाने वाले अपराधियों के खिलाफ ऐसी ही कार्रवाई की जाएगी। 20 करोड़ की कोठी कैसे बनी, इसकी भी पड़ताल की जाएगी।