नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए ने फैसला किया कि वह बुधवार को केंद्रीय बजट में विपक्ष शासित राज्यों के साथ किए गए भेदभाव को लेकर संसद के अंदर और बाहर विरोध प्रदर्शन करेगा। कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के आवास पर मंगलवार शाम आइएनडीआइए के घटक दलों के नेताओं की बैठक में यह फैसला लिया गया। बैठक में लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, राज्यसभा में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी, लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई, राकांपा प्रमुख शरद पवार, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत, तृणमूल कांग्रेस के नेता डेरेक-ओ-ब्रायन और कल्याण बनर्जी, द्रमुक के टीआर बालू, जेएमएम की महुआ माझी, आम आदमी पार्टी के राघव चड्ढा और संजय सिंह, कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल और जयराम रमेश, माकपा के जान ब्रिटास समेत कई नेता शामिल हुए। वेणुगोपाल ने बैठक के बाद कहा कि इस साल के केंद्रीय बजट ने बजट की अवधारणा को पहले ही खत्म कर दिया है। उन्होंने अधिकांश राज्यों के साथ पूरी तरह से भेदभाव किया है। इसलिए आइएनडीआइए बैठक में यह आम सहमति थी कि हमें इसका विरोध करना चाहिए। बाद में एक्स पर पोस्ट में वेणुगोपाल ने कहा- ”आज पेश किया गया केंद्रीय बजट बेहद भेदभावपूर्ण और खतरनाक था, जो संघवाद और निष्पक्षता के सिद्धांतों के एकदम खिलाफ है, जिसका कि केंद्र सरकार को पालन करना चाहिए।”विरोध में कांग्रेस के मुख्यमंत्री 27 जुलाई को होने वाली नीति आयोग की बैठक का भी बहिष्कार करेंगे। उन्होंने कहा कि इस सरकार का रवैया संवैधानिक सिद्धांतों के बिल्कुल विपरीत है।
कांग्रेस सांसद ने कहा- कल संसद में विरोध प्रदर्शन करेंगे
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने आरोप लगाया कि बजट ने उन राज्यों को अंधकारमय बना दिया है जहां गैर-भाजपा सरकारें हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि हम इस संबंध में कल संसद में विरोध प्रदर्शन करेंगे।