उज्जैन : मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग में भक्तों के साथ ही नहीं बल्कि वीआईपी के साथ भेदभाव हो रहा है। गोवा के मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक को गर्भगृह में पूजा-अर्चना की इजाजत नहीं मिली। यह बात अलग है कि इंदौर के एक मंत्री और विधायक जब मर्जी तब गर्भगृह में जाकर पूजा कर लेते हैं। संभव थी। 750 रुपये की रसीद कटवानी पड़ती थी। तब भीड़ को देखते हुए गर्भगृह में पूजा-अर्चना की इजाजत बंद कर दी गई। एक साल से अधिक समय से यह व्यवस्था लागू है। इसके बाद भी सिर्फ चुनिंदा वीआईपी को ही गर्भगृह में पूजा करने की इजाजत मिल रही है।
इंदौर के नेताओ पर कृपा भाजपा के वरिष्ठ नेता और प्रदेश शासन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साल भर में कम से कम चार बार गर्भगृह में जाकर पूजा-अर्चना की है। इंदौर के ही एक भाजपा नेता राकेश शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष तक को गर्भगृह में जाने की इजाजत मिल गई थी। इसे लेकर कांग्रेस ने सवाल भी उठाए थे।जब भाजपा नेता महेंद्र सिंह को कुछ दिन पहले गर्भगृह में पूजा-अर्चना करने की अनुमति दी गई थी। श्री क्षेत्र पंडा समिति के अध्यक्ष पंडित राजेश त्रिवेदी ने तो कह दिया था कि प्रोटोकॉल के तहत दर्शन अलग बात है और भाजपा नेताओं के लिए अलग। सिर्फ भाजपा नेता ही गर्भगृह में महाकाल के करीब पहुंच पा रहे हैं। अधिकारियों पर मंदिर की व्यवस्था का जिम्मा है, लेकिन वह भी भाजपा और आरएसएस की गुलामी कर रहे हैं।