राजस्थान : भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। दो दिन पहले जयपुर में हुई भाजपा कार्यसमिति की बैठक में वरिष्ठ नेताओं ने पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को एकजुट होकर उप चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की जीत में जुटने का आह्वान किया। भाजपा जहां इस बार रणनीति बदलने जा रही है, तो वहीं कांग्रेस अपने पुराने फॉर्मूले के तहत चुनाव में उतरेगी। भाजपा सूत्रों का कहना है कि उपचुनाव में पार्टी केंद्र सरकार की योजनाओं और पीएम नरेंद्र मोदी की बातें कम करेगी। किन मुद्दों राज्य में काम चल रहा है। इन बातों को घर-घर पहुंचाया जाएगा। प्रदेश सरकार के बजट में जो महत्वपूर्ण घोषणाएं हुईं।हाल ही में हुई कार्यसमिति की बैठक में आगामी विधानसभा उपचुनाव को लेकर एक विस्तृत रणनीति बनाई गई है। लोकसभा चुनाव में लगे झटके के बाद पार्टी किसी भी स्थिति में रिस्क लेने की मूड में नजर नहीं आ रही है। ऐसे में पार्टी ने अभी से उपचुनाव वाली सीटों पर काम करना शुरू कर दिया है। लोकसभा चुनाव के दौरान प्रदेश की 25 में से 14 सीटों पर भाजपा और 11 सीटों पर कांग्रेस और सहयोगी दलों के प्रत्याशी विजयी रहे हैं। इनमें 8 सीटों पर कांग्रेस और 3 पर सहयोगी दलों के उम्मीदवारों ने बाजी मारी है। नागौर से आरएलपी के हनुमान बेनीवाल, बांसवाड़ा से बीएपी के राजकुमार रोत और सीकर से माकपा के कॉमरेड अमराराम ने कांग्रेस समर्थन के बाद जीत दर्ज की।
- उप चुनाव पांच सीटों
इनमें दौसा, टोंक जिले की देवली-उनियारा, खींवसर, झुंझुनू और बांसवाड़ा की चौरासी विधानसभा सीट शामिल है। इन पांचों सीटों पर चुने गए विधायक लोकसभा चुनाव लड़कर सांसद बन गए हैं, इसीलिए नवंबर में यहां उपचुनाव होना संभावित है। हाल ही में मध्यप्रदेश और बिहार समेत 7 राज्यों की 13 सीटों पर हुए विधानसभा उपचुनाव के नतीजे आए थे। इन 13 विधानसभा सीटों पर इंडिया गठबंधन ने 10, एनडीए ने 2 सीटें जीतीं। सभी सीटों पर 10 जुलाई को वोटिंग हुई थी। कांग्रेस ने 4, टीएमसी ने 4, आप-डीएमके ने 1-1 सीटें जीती है। वहीं, भाजपा के खाते में 2 सीटें गई हैं। एक सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार विजयी हुआ है।
चुनाव लड़ेगी इन मुद्दों पर
राजस्थान की जिन पांच सीटों पर उपचुनाव होने हैं, वे सभी इंडिया गठबंधन की सीटे हैं। इसलिए कांग्रेस इन सीटों पर अभी गठबंधन दलों के साथ सीट बंटवारे के इंतजार में है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि पार्टी सभी पांचों सीटों पर उतरने की तैयारी कर रही है। बस वे इस इंतजार में है कि गठबंधन क्या फैसला लेगा। क्योंकि आरएलपी सांसद हनुमान बेनीवाल चुनाव परिणाम के बाद कई बार अपने सुर बदल चुके हैं। इसलिए कांग्रेस पार्टी कोई भी फैसला सार्वजनिक करने से बचते हुए दिख रही है। इन पांचों सीटों के उपचुनाव को लेकर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट का कहना है कि ‘इतिहास गवाह है उपचुनावों में हमेशा कांग्रेस ने जीत हासिल की है