बिलासपुर। यूजीसी की 581वीं बैठक में गुरु घासीदास विश्वविद्यालय को केटेगरी वन की स्वायत्तता प्रदान करने का निर्णय लिया गया। उल्लेखनीय है कि इस उच्चतम स्तर की स्वायत्तता में नैक से प्राप्त ए डबल प्लस ग्रेड की अहम भूमिका रही है। अब विश्वविद्यालय को यूजीसी 2018 में उल्लेखित प्रावधान चार के समस्त लाभ प्राप्त होंगे।केटेगरी वन की स्वायत्तता से मिलने वाले हैं। माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ में विकास की असीम संभावनाएं हैं। विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय अकादमिक मानचित्र पर स्थापित करने के लिए निरंतर समन्वित प्रयास करने होंगे। यूजीसी का यह निर्णय संस्था के लिए ग्लोबल जादू साबित होगा। इस स्वायत्तता से छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में नए आयाम खुलेंगे। यह विश्वविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा, जिससे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसकी प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
कैटगरी वन से पांच प्रमुख लाभ
01 नए पाठ्यक्रम और केंद्र
विश्वविद्यालय को यूजीसी की पूर्व अनुमति के बिना नए पाठ्यक्रम, विभाग, और केंद्र स्थापित करने की अनुमति होगी। विदेशी छात्रों को निर्धारित सीट संख्या से अधिक प्रवेश दिया जा सकेगा।
02 आफ कैंपस केंद्र
विश्वविद्यालय अपने क्षेत्राधिकार के अंतर्गत ऑफ कैंपस केंद्रों की स्थापना करने में स्वतंत्र होगा। निजी क्षेत्र के सहयोग से शोध पार्क और इंक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने की अनुमति होगी।
03 विदेशी शिक्षकों की नियुक्ति
टाइम्स हायर एजुकेशन वर्ल्ड रैंकिंग और क्यूएस रैंकिंग के शीर्ष 500 संस्थानों से विदेशी शिक्षकों की नियुक्ति की जा सकेगी। यूजीसी के निर्धारित वेतनमान के अतिरिक्त मानदेय प्रदान किया जा सकेगा।
04 कौशल आधारित पाठ्यक्रम
कौशल आधारित पाठ्यक्रम, डिप्लोमा, और सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों को प्रारंभ करने की सुविधा होगी। विश्वविद्यालय को ओपन एंड डिस्टेंस पाठ्यक्रम प्रारंभ करने की स्वायत्तता प्राप्त होगी।
05 एमओयू
विश्व के 500 सर्वश्रेष्ठ अकादमिक संस्थानों के साथ यूजीसी की पूर्व अनुमति के बिना समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया जा सकेगा।
वर्जन
छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का पल है। राज्य के एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय स्तर पर इस प्रकार की स्वायत्तता प्राप्त हुई है। उन्होंने कहा कि शोध, अनुसंधान, नवाचार, और कौशल विकास के क्षेत्र में विश्वविद्यालय को नई ऊर्जा प्राप्त होगी।
प्रो.आलोक कुमार चक्रवाल कुलपति, गुरु घासीदास केंद्रीय विवि