नई दिल्ली:इसी महीने श्रीलंका दौरे से टीम इंडिया के हेड कोच की जिम्मेदारी संभालने जा रहे पूर्व दिग्गज गौतम गंभीर ने हाल ही में खिलाड़ियों के सभी फॉर्मेट में खेलने पर जोर दिया है. गौतम का बीसीसीआई (BCCI) के साथ 31 दिसंबर 2027 तक का करार है. और उनका पहला चैलेंज इसी महीने शुरू होने जा रहा है. गंभीर ने स्टार-स्पोर्ट्स के साथ हालिया इंटरव्यू में खिलाड़ियों के प्रबंधन और फॉर्मेट के चयन को लेकर अपनी विचारधारा को सार्वजनिक किया. गंभीर ने कि मेरा इस बात में बहुत ही ज्यादा भरोसा है कि अगर आप अच्छे हैं, तो आपको सभी फॉर्मेटों में खेलना चाहिए. मेरा कभी भी चोट प्रबंधन में ज्यादा भरोसा नहीं रहा है. आप चोटिल होते हैं, तो आपको इससे उबरना होता है. पूर्व लेफ्टी बल्लेबाज ने कहा कि आप अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहे हैं. अगर आप अच्छे हैं और अगर आप शीर्ष खिलाड़ियों से पूछोगे, तो वह तीनों ही फॉर्मेटों में खेलना चाहते हैं. वहीं, गौतम वर्कलोड मैनेजमेंट पर लगातार खेलने के विचार को अहमियत देते हैं. गंभीर की सोच है कि अगर कोई खिलाड़ी चोटिल भी होाता है, तो उसे इससे उबरकर वर्कलोड मैनेजमेंट प्रबंधन के लिए किसी एक फॉर्मेट को चुनने के बजाय हर तरह की क्रिकेट खेलनी चाहिए.
‘चोट खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा’
गौतम बोले कि चोट किसी भी खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा हैं. अगर आप तीनों फॉर्मेटों में खेल रहे हैं और आप चोटिल हो जाते है, तो वापस जाएं, उबरने की प्रक्रिया पर काम करें, लेकिन आपको तीनों फॉर्मेटों में खेलना चाहिए. उन्होंने कहा कि मैं इस विचार का बिल्कुल समर्थन नहीं करता कि आप खिलाड़ी विशेष की पहचान करें और उसे फिर अलग-अलग फॉर्मेट के लिए सुरक्षित रखें. हम खिलाड़ी विशे, की चोट, वर्कलोड मैनेजमेंट और बाकी बाकी बातों का प्रबंधन करने जा रहे हैं. इस बयान से गौतम ने हार्दिक पांड्या सहित बाकी खिलाड़ियों को साफ-साफ संदेश दे दिया है कि अब पुरानी नीति से काम नहीं चलेगा. अब ऐसा नहीं चलेगा कि आप जब चाहें, अपने हिसाब से फॉर्मेट लें. गौतम ने एक तरह से पांड्या को साफ-साफ संदेश दे दिया है कि अगर आप फिट हैं, तो आपको टीम को तीनों ही फॉर्मेटों में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देना होगा.