सत्संग भगदड़ हादसे के बाद हाथरस में हर जगह मातम का माहौल है. इस दर्दनाक हादसे में अब तक 121 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है. जिसने भी इस हादसे के बारे में सुना, उसकी आंखे भर आई. देश के कई राज्यों से सत्संग (Hathras Stampede) में पहुंचे लोग ऐसे हादसे का शिकार हो गए, जिसके बारे में शायद ही उन्होंने कभी सोचा हो. कई परिवार वाले अपने घर के लापता लोगों को तलाश रहे हैं, जबकि कुछ लोग अपने परिवारों से हमेशा के लिए जुदा हो गए. ये हादसा कितना भयावह है, इसका अंदाजा इससे लगा लीजिए कि घटनास्थल पर लाशों का ढेर लगा हुआ था. जब ये शव पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे, तो वहां ड्यूटी पर तैनात सिपाही इतने शवों को देखकर इतना घबराया कि उसे हार्ट अटैक आ गया, इसके बाद उसे इलाज के लिए ले जाया गया. मगर बदकिस्मती से डॉक्टर्स भी सिपाही को नहीं बचा सके. इस सत्संग हादसे ने लोगों के जेहन में इतनी बुरी यादें छोड़, जिन्हें शायद ही कोई जिंदगी भर भुला सकें.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हाथरस में हुई भगदड़ की घटना में साजिश की आशंका जाहिर करते हुए इसकी न्यायिक जांच कराने का बुधवार को ऐलान किया. मुख्यमंत्री ने हाथरस में प्रेस वार्ता में कहा कि सिकन्दराराऊ में मंगलवार को विश्वहरि ‘भोले बाबा’ के सत्संग के बाद मची भगदड़ में 121 लोगों की मौत के मामले की उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश की अगुवाई में न्यायिक जांच करायी जाएगी तथा इसकी अधिसूचना आज ही जारी हो जाएगी.
उन्होंने घटना में साजिश की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘यह हादसा था या कोई साजिश और अगर साजिश थी तो इसमें किसका हाथ है…इन सभी पहलुओं को जानने के लिए हम न्यायिक जांच भी कराएंगे जो उच्च न्यायालय के सेवानिवृत न्यायाधीश की अध्यक्षता में की जाएगी.