जन्म एक घटना है, जीवन एक रचना है- मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज

जन्मदिन के दिन अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्प लें- मुनि श्री

आहार चर्या से पूर्व अपने उद्बोधन में मुनिश्री ने कहा कि- “जन्म एक घटना है जीवन एक रचना है।
मनुष्य का जन्म कहीं भी हो यह महत्वपूर्ण नहीं है लेकिन उसका जीवन कैसा व्यतीत हुआ, यह महत्वपूर्ण है। किसी का जन्म राजमहल में हुआ हो या कुटिया में, लेकिन उसने जीवन को किस तरह से जिया यह देखने योग्य होता है। किसी कुटिया में रहने वाला व्यक्ति भी अपने आप को उत्कृष्ट बना सकता है। आपने कहा कि व्यक्ति के जीवन मरण की कोई निश्चित तिथि नहीं है। महत्वपूर्ण जन्म नहीं, महत्वपूर्ण जीवन है। मैं कहां जन्मा, यह कोई विशेष बात नहीं, मैने जीवन कैसे जिया यह महत्वपूर्ण है। मेरा जन्म तो उस दिन हुआ जिस दिन मैंने मोक्ष मार्ग पर अपना प्रथम कदम बढ़ाया था, लेकिन सांसारिक वर्ष वर्धन दिवस को आप मनाना चाहते हैं तो इस वर्ष सभी यह प्रण लें कि पर्यावरण की रक्षा हम मिलकर करेंगे। आज लगभग 15 लाख वृक्षों की आवश्यकता है। आप सभी अपने-अपने स्तर पर अधिक से अधिक वृक्ष लगाने का संकल्प लें। पर्यावरण को ध्यान में रखते हुए सभी को योजना बनाकर वृक्ष लगाना चाहिए साथ ही उनकी पर्याप्त देखभाल भी करनी चाहिए। इस अवसर पर मंत्री मनोज आर एम ने बताया कि 58 वें वर्ष वर्धन दिवस के अवसर पर पंचायत कमेटी ट्रस्ट द्वारा 580 वृक्ष लोगों को बांटे गए। साथ ही निवेदन किया कि अधिक से अधिक पौधे लगाएं और उनकी देखभाल कर देश व समाज सेवा में अपना सहयोग दें। नरेन्द्र टोंग्या ने बताया कि आज के इस पुनीत अवसर गुणायतन परिवार ने 1 लाख पेड़ लगाने का संकल्प लिया। इस अवसर पर जैन समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित थे जिनमें विजय मोदी, प्रदीप स्वीट, अरविंद जैन रोडवेज़,अशोक सराफ, देवेंद्र रुचि, आदिश जैन, अरविंद सुपारी आदि ने विशेष रूप से अपनी उपस्थिति दर्ज़ की।

मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज के 58वें वर्ष वर्धन दिवस पर मुनिश्री की आहारचर्या का परम सौभाग्य हमारे मंदिर जी के अध्यक्ष श्री नरेंद्र टोंग्या परिवार को प्राप्त हुआ। इस अवसर पर आदरणीय बाबूजी श्री मनोहर लाल टोंग्या जी, श्री नरेंद्र टोंग्या जी के परिवार सहित सरावगी परिवार, वाकलीवाल परिवार सहित अनेक गणमान्य जनों ने आपके घर पर मुनि श्री को निर्विघ्न आहार प्रदान कर अपने जीवन को धन्य किया।

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